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शरीर से कमजोर, पर हैं नेशनल चैंपियन, अब कनाडा में मचाएंगे धूम

सत्येंद्र ने टूर्नामेंट में जाने से पहले पत्रिका को बताया कि उनका मकसद इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतना है।

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Anwar Khan

Jul 15, 2016

satyendra singh lohiya

satyendra singh lohiya

भोपाल। किसी काम को करना कठिन नहीं है, बस जरूरत है सच्ची लगन, इच्छा शक्ति और मजबूत हौंसलों की। प्रदेश के दिव्यांग तैराक सत्येन्द्र सिंह लोहिया ने इस बात को साबित कर दिखाया है। उन्होंने अपने जैसे लोगों के लिए एक मिसाल कायम की है। दिव्यांग तैराक सत्येंद्र सिंह लोहिया, कनाडा की राजधानी ओटावा में होने वाली अंतररष्ट्रीय पैरा तैराकी प्रतियोगिता में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे।


ग्वालियर के रहने वाले सत्येंद्र का चयन साई दिल्ली ने इंडिया टीम की छह सदस्यीय टीम में किया है। इस प्रतियोगिता में कई देशों के 500 स्वीमर्स पार्टिसिपेट करेंगे। टूर्नामेंट का आयोजन 13 से 17 जुलाई तक किया जा रहा है। इससे पहले सत्येंद्र ने स्टेट और नेशनल प्रतियोगिताओं में कई पदक जीत चुके हैं। सत्येंद्र ने टूर्नामेंट में जाने से पहले पत्रिका को बताया कि उनका मकसद इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतना है।


विक्रम अवार्डी हैं सत्येंद्र
सत्येंद्र ने 6 नेशनल चैम्पियनशिप में 7 रजत और 6 कांस्य पदक जीत चुके हैं। जिस कारण प्रदेश सरकार ने उन्हें प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार (विक्रम पुरस्कार) से सम्मानित किया। इसके अलावा सत्येंद्र ने एक घंटे में 6.5 किमी तैरने का रिकार्ड भी अपने नाम किया है। अब उनका सपना बड़े तालाब को चीरना है।


थैरेपी कराने के नहीं थे रुपए
28 वर्षीय सत्येंद्र बताते हैं कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पिता किसान हैं, मेरी थैरेपी कराने के लिए उन्होंने अपनी जमीन तक बेच दी थी। वह कहते हैं कि आज मुझे गर्व होता है कि मैंने उनके सपने को साकार कर दिखाया है। मेरा सपना भारत के लिए पदक जीतना है।


पदक जीतेगा सत्येंद्र
कोच प्रो. वीके दवास ने कहते हैं कि सत्येंद्र प्रतिभा का धनी है। दिव्यांग होने के बावजूद उसमें हौंसला बहुत है। मुझे उम्मीद है कि वह इस प्रतियोगिता में देश के लिए पदक जरूर जीतकर लाएगा।

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