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भोपाल

ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटरों की पीसीबी करेगा मॉनीटरिंग, नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई, लगेगा जुर्माना

एनजीटी ने दिए निर्देश, पीसीबी ने रिपोर्ट में बताया कि भोपाल के 43 सर्विस सेंटरों पर बन चुके हैं ईटीपी

भोपालJul 29, 2021 / 11:33 pm

सुनील मिश्रा

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NGT

भोपाल। एनजीटी ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल को शहर के ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटरों की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। यदि किसी यूनिट में पर्यावरणीय मापदंडों का उल्लंघन पाया जाता है तो उनके खिलाफ विधि अनुसार कार्रवाई और पर्यावरण क्षति हर्जाना लगाने के आदेश भी दिए गए हैं। सर्विस स्टेशनों के खिलाफ उपयोग किया हुआ ऑयल और अन्य चीजें ईटीपी में बिना उपचारित किए नालों में बहाने और इनका संचालन रहवासी क्षेत्रों में होने की शिकायत की गई थी। हालांकि रहवासी क्षेत्रों में इन व्यावसायिक इकाइयों के संचालन पर एनजीटी ने कहा है कि यह स्थानीय नियम-कानूनों के अनुसार तय होगा। इस संबंध में नगर निगम परीक्षण कर यह सुनिश्चित करे कि नियमों के विरुद्ध किसी यूनिट का संचालन नहीं हो।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सेंट्रल जोन बेंच ने जगमोहन पाटीदार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है। याचिकाकर्ता ने राजधानी में कई सर्विस स्टेशनों के नियम विरुद्ध संचालन की शिकायत की थी। इसमें बताया गया था कि यह रहवासी इलाकों में चल रहे हैं और यहां से उपयोग किया गया ऑयल आदि डिस्चार्ज नालियों में बहाया जा रहा है। इसमें अनेक जहरीले तत्व रहते हैं जैसे पॉली साइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बंस जिनसे कैंसर तक होता है। इसके अलावा इंजन से निकलने वाले छोटे धातु के कण जिसें लैड, जिंक और आर्सेनिक आदि भी पानी को दूषित करते हैं ।
पीसीबी ने कहा सबने बना लिए ईटीपी

याचिका पर एनजीटी ने मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से रिपोर्ट मांगी थी। बोर्ड ने निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट में बताया कि भोपाल में 43 ऑटोमोबाइल सर्विस स्टेशन हैं। इनमें से 35 सर्विस स्टेशन संचालकों ने पीसीबी से कंसेंट ले ली है और उसका रिनुअल भी कराया है। अन्य बचे हुए 8 ने कंसेंट के लिए आवेदन किया है। सभी 43 ऑटोमोबाइल सर्विस स्टेशनों में ईटीपी बने हुए हैं जिससे यहां का डिस्चार्ज उपचारित होकर ही नालों में बहाया जा रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर एनजीटी ने निर्देश जारी करते हुए मामले को निराकृत कर दिया।
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