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अब आप तय करेंगे, गाय बछड़ा देगी या बछिया, ऐसे होगा ये कमाल

भोपाल स्थित केरवा डैम पर मध्य प्रदेश का पहला सीमेन स्टेशन स्थापित किया गया है। यहां रोजाना बैल और भैंसों के सीमेन की 1300 स्ट्रॉ बनाई जा रही हैं।

भोपालAug 20, 2021 / 01:28 am

Faiz

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अब आप तय करेंगे, गाय बछड़ा देगी या बछिया, ऐसे होगा ये कमाल

भोपाल. मध्य प्रदेश के पशु पालकों, पशु प्रेमियों, डेरी संचालकों और किसानों के लिये बेहद मह्तपूर्ण खबर सामने आई है और वो खबर ये है कि, अब अगर गाय बछड़ा या बछिया को जन्म देती है, तो इसकी वजह आपकी जरूरत पर डिपेंड करेगी। यानी अब से आपकी गाय उसी बछड़े को जन्म देगी जिसकी आपको जरूरत होगी। आप सोचेंगे कि, भला ये भी संभव है, तो हम कहेंगे, जी हैं। राजधानी भोपाल स्थित केरवा डैम पर मध्य प्रदेश का पहला सीमेन (स्पर्म सेल) स्टेशन स्थापित किया गया है। इस स्टेशन में रोजाना बैल और भैंसों के सीमेन की 1300 स्ट्रॉ बनाई जा रही हैं।


बता दें कि, ये देश का दूसरा सीमेन स्टेशन है, इससे पहले उत्तराखंड के ऋषिकेश में इस तरह का सीमेन स्टेशन बनाया गया है। इन सीमेन स्टेशन्स पर पशुपालक गाय या भैंस के गर्भवती होने से पहले ही जन्म लेने वाले बछड़ा या बछिया का जेंडर निर्धारित कर सकेंगे। यहां ज्यादा दूध देने वाली नस्ल की गाय और भैंसों के सीमेन का क्रोमोसोमल सेपरेशन करके सीमेन स्ट्रा तैयार किया जा रहा है। इस सीमेन स्टेशन की शुरुआत मध्य प्रदेश पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम की मदद से की गई है।


4 से -140 डिग्री तापमान के बीच बायोफ्रीज होते हैं स्पर्म सेल्स

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीमेन स्टेशन के डेयरी फार्म में डॉक्टर्स गाय की देशी नस्ल की 12 प्रजातियों के बछड़ों का सीमेन जुटाते हैं। सीमेन सेंटर के चिकित्लकों और शोधकर्ताओं की टीम 20 डिग्री पर इसे प्रोसेस करती है। फिर, 4 डिग्री तापमान पर मशीनों की मदद से सीमेन से X (एक्स) और Y (वाई) क्रोमोसोम वाले स्पर्म सेल्स को अलग किया जाता है। इसे सीमेन स्ट्रॉ में भरकर एक निश्चित तापमान पर संरक्षित की जाती है। एक्स क्रोमोजोम वाले स्पर्म सेल्स को 4 से -140 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच बायोफ्रीज किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद सीमेन स्ट्रॉ को लैब से लिक्विड नाइट्रोजन टैंक रखकर जिलों में संचालित पशु चिकित्सालयों और एआई सेंटर्स भेजा जाता है।

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सीमेन सेंटर के अफसरों के अनुसार, गाय और भैंस की मादा नस्ल की एक सीमेन स्ट्रॉ में 21 लाख स्पर्म संरक्षित होते हैं। इसे लिक्विड नाइट्रोजन गैस टैंक में 196 डिग्री पर स्टोर किया जाता है। यहां से इसे लिक्विड नाइट्रोजन गैस के कंटेनर के मार्फत विभिन्न जिलों में संचालित एआई सेंटर को भेजे जाते हैं। इन सेंटर्स से खरीदार सीमेन स्ट्रॉ खरीदकर 3 लीटर क्षमता वाले एलएलटू कंटेनर में खरीदते हैं।

 

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अभी इतनी नस्लें

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डेयरी फार्म में देसी नस्ल के 12 और जर्सी, एचएफ नस्ल के 105 बछड़े हैं। इसके अलावा मुर्रा, जाफराबादी, भदावरी नस्ल की 45 भैंसों को रखा हुआ है। इन्हें तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है, ताकि एक बुल से सप्ताह में अधिकतम दो बार ही सीमेन कलेक्ट किया जा सके। निगम के एमडी डॉ. एचबीएस भदौरिया के अनुसार, गाय और भैंस की मादा नस्ल की एक सीमेन स्ट्रॉ प्रदेश के पशुपालक को 450 रुपए तो बाहरी को 950 रुपपये में बेचा जाता है। जबकि एससी, एसटी वर्ग के पशुपालक को अपनी गाय अथवा भैंस के लिए मादा प्रजाति की एक सीमेन स्ट्रा 400 रुपए देने की व्यवस्था की गई है। एक अन्य अधिकारी के अनुसार, सीमेन स्टेशन में इस साल 3 लाख सीमेन स्ट्रॉ तैयार करने का टारगेट निर्धारित किया गया है। ये भी जान लें कि, सीमेन स्टेशन की शुरुआत भोपाल में इसी साल अप्रैल से शुरू किया गया है।

 

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