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भोपाल

महंगाई की मार: अब ऑनलाइन स्लीपर टिकट 30 रुपए, एसी टिकट 46 रुपए महंगा

Indian railway: भोपाल एक्सप्रेस स्लीपर टिकट 424 का…

भोपालSep 02, 2019 / 10:25 am

दीपेश तिवारी

Indian Railway news: यात्रीगण कृपया ध्यान दें, इस रूट पर जाने वाली 16 ट्रेन निरस्त, 18 ट्रेनों को किया डायवर्ट

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भोपाल। हबीबगंज से नई दिल्ली तक जाने वाली भोपाल एक्सप्रेस से अब दिल्ली तक के आपको स्लीपर क्लास में 30 और एसी में 46 रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे। यह अतिरिक्त राशि आईआरसीटीसी के जरिए टिकट बुक करने पर देनी होगी।
रेलवे काउंटर से बुक कराए गए टिकट पर यह शुल्क नहीं लगेगा। यात्री भीम एप से ई-टिकट का पेमेंट करता है तो 10 रुपए एवं पेटीएम, क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर 2 फीसदी तक अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा।
अभी भोपाल एक्सप्रेस का स्लीपर क्लास का किराया 395 और थर्ड एसी का किराया 1050 रुपए है। एक सितम्बर से ऑनलाइन टिकट बुक कराने पर स्लीपर के लिए 424 रुपए और थर्ड एसी के लिए 1096 रुपए चुकाने पड़ेंगे। शताब्दी में 1135 रुपए की जगह 1181 रुपए देने होंगे।
दोबारा शुरू हुआ सर्विस चार्ज
रेलवे ने आईआरसीटीसी के ऑनलाइन टिकट बुकिंग पोर्टल से टिकट बुक करने पर फिर से सर्विस चार्ज लेने का फैसला किया है। नवंबर 2016 में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ई-टिकट पर सर्विस टैक्स हटाया गया था।

इधर, भोपाल-हबीबगंज स्टेशन होंगे प्लास्टिक मुक्त:
वहीं दूसरी ओर भारतीय रेलवे अब ‘प्लास्टिक से मुक्त’ होगा, रेलवे ने देश भर के रेलवे स्टेशनों पर एक बार इस्तेमाल होने वाले (सिंगल यूज) प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में भोपाल रेल मंडल ने भी सभी वेंडर्स और स्टाफ को आदेश जारी कर स्टेशन परिसर में 50 माइक्रोन से कम का कैरी बैग और पॉलीथीन बैन करने को कहा है। डीआरएम उदय बोरवणकर का कहना है कि पॉलीथीन पर्यावरण के साथ-साथ रेलवे के लिए बड़ी मुसीबत का सबब है।
इससे रेलवे की नालियां जाम हो जाती हैं। पिछले दिनों मुख्य स्टेशनों की सफाई के दौरान बड़ी मात्रा में पॉलीथीन और प्लास्टिक वेस्ट मिला था। इसलिए मंडल के स्टेशनों पर चाय कप, स्ट्रॉ, चम्मच, प्लेट समेत अन्य डिस्पोजल सामग्री का इस्तेमाल भी नहीं होगा।
16 से विशेष अभियान
भोपाल रेल मंडल में 16 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा चलेगा। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती से मंडल के सभी स्टेशनों पर प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद करने का संकल्प लिया जाएगा। इसी दिन से ‘प्लास्टिक फ्रीÓ भोपाल डिवीजन अभियान भी शुरू होगा। डीआरएम ने कहा कि पिछले दिनों मंडल की महिला रेलकर्मियों के साथ संवाद में भी यह अपील की गई थी कि वह खुद और अपने परिवार को भी प्लास्टिक की पहुंच से दूर रखें।

रखें रियूजेबल बैग्स
50 माइक्रोन के प्लास्टिक के इस्तेमाल से जहां प्लास्टिक वेस्ट में कमी आएगी, वहीं प्लास्टिक का डिस्पोजल करना भी आसान होगा। रेलवे ने सभी वेंडर्स को प्लास्टिक कैरी बैग की जगह रियूजेबल कैरी बैग्स रखने को कहा है जो ईको फ्रेंडली हों। हबीबगंज व भोपाल रेलवे स्टेशन पर वेंडर्स 50 माइक्रोन से कम वाले प्लास्टिक या सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करते पाए गए तो जुर्माना लगाया जाएगा।
ट्वीट कर पूछा- क्या अव्यवस्थाओं की शिकायत करने पीएनआर नंबर जरूरी है :
वहीं एक अन्य मामले में रेलवे की अव्यवस्थाओं की शिकायत करने के लिए क्या रिजर्व टिकट लेकर यात्रा करना जरूरी है? आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह कैसा सवाल है।
दरअसल, ट्विटर पर विधान पाराशर नाम के व्यक्ति ने डीआरएम भोपाल को टैग करते हुए लिखा- सर, हबीबगंज स्टेशन पर कोच की लोकेशन बताने वाले डिस्प्ले बंद पड़े हैं, यात्रियों की चिंता कर लीजिए। इस ट्वीट का रेलवे ने जवाब नहीं दिया तो 15 मिनट बाद विधान ने दोबारा ट्वीट किया- प्लीज चेक करवा लीजिए।

रेलवे ने मांगा पीएनआर और जर्नी की डिटेल
इसके बाद रेलवे ने ट्वीट पर जवाब दिया कि अपनी जर्नी डिटेल्स, पीएनआर भेजें। मामला सीनियर डीएसटीई को फॉरवर्ड कर दिया गया है।

इसके बाद यात्री ने जवाब दिया कि इसमें पीएनआर की क्या जरूरत है? मैं किसी यात्री को छोडऩे आया था, अभी भी स्टेशन पर हूं। हालांकि इसके बाद रेलवे ने ट्विटर पर कोई जवाब नहीं दिया लेकिन अगले दिन कोच डिस्प्ले सिस्टम ठीक हो गया।

सभी की शिकायत सुनते हैं
इस मामले में भोपाल मंडल के डीआरएम उदय बोरवणकर का कहना है ऐसा नहीं है कि जनरल टिकट और प्लेटफॉर्म टिकटधारी व्यक्ति की शिकायत ट्विटर पर नहीं सुनी जाती है। पीएनआर नंबर सिर्फ इसलिए मांगा जाता है ताकि यह पता चल सके कि शिकायतकर्ता बोनाफाइड पैसेंजर (प्रामाणिक यात्री) है। अगर यात्री पहली बार में सही डिटेल दें तो उनकी समस्या का समाधान जल्द से जल्द हो सकेगा।

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