रेलवे ने आईआरसीटीसी के ऑनलाइन टिकट बुकिंग पोर्टल से टिकट बुक करने पर फिर से सर्विस चार्ज लेने का फैसला किया है। नवंबर 2016 में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ई-टिकट पर सर्विस टैक्स हटाया गया था।
इधर, भोपाल-हबीबगंज स्टेशन होंगे प्लास्टिक मुक्त:
वहीं दूसरी ओर भारतीय रेलवे अब ‘प्लास्टिक से मुक्त’ होगा, रेलवे ने देश भर के रेलवे स्टेशनों पर एक बार इस्तेमाल होने वाले (सिंगल यूज) प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।
भोपाल रेल मंडल में 16 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा चलेगा। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती से मंडल के सभी स्टेशनों पर प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद करने का संकल्प लिया जाएगा। इसी दिन से ‘प्लास्टिक फ्रीÓ भोपाल डिवीजन अभियान भी शुरू होगा। डीआरएम ने कहा कि पिछले दिनों मंडल की महिला रेलकर्मियों के साथ संवाद में भी यह अपील की गई थी कि वह खुद और अपने परिवार को भी प्लास्टिक की पहुंच से दूर रखें।
रखें रियूजेबल बैग्स
50 माइक्रोन के प्लास्टिक के इस्तेमाल से जहां प्लास्टिक वेस्ट में कमी आएगी, वहीं प्लास्टिक का डिस्पोजल करना भी आसान होगा। रेलवे ने सभी वेंडर्स को प्लास्टिक कैरी बैग की जगह रियूजेबल कैरी बैग्स रखने को कहा है जो ईको फ्रेंडली हों। हबीबगंज व भोपाल रेलवे स्टेशन पर वेंडर्स 50 माइक्रोन से कम वाले प्लास्टिक या सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करते पाए गए तो जुर्माना लगाया जाएगा।
वहीं एक अन्य मामले में रेलवे की अव्यवस्थाओं की शिकायत करने के लिए क्या रिजर्व टिकट लेकर यात्रा करना जरूरी है? आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह कैसा सवाल है।
रेलवे ने मांगा पीएनआर और जर्नी की डिटेल
इसके बाद रेलवे ने ट्वीट पर जवाब दिया कि अपनी जर्नी डिटेल्स, पीएनआर भेजें। मामला सीनियर डीएसटीई को फॉरवर्ड कर दिया गया है। इसके बाद यात्री ने जवाब दिया कि इसमें पीएनआर की क्या जरूरत है? मैं किसी यात्री को छोडऩे आया था, अभी भी स्टेशन पर हूं। हालांकि इसके बाद रेलवे ने ट्विटर पर कोई जवाब नहीं दिया लेकिन अगले दिन कोच डिस्प्ले सिस्टम ठीक हो गया।
सभी की शिकायत सुनते हैं
इस मामले में भोपाल मंडल के डीआरएम उदय बोरवणकर का कहना है ऐसा नहीं है कि जनरल टिकट और प्लेटफॉर्म टिकटधारी व्यक्ति की शिकायत ट्विटर पर नहीं सुनी जाती है। पीएनआर नंबर सिर्फ इसलिए मांगा जाता है ताकि यह पता चल सके कि शिकायतकर्ता बोनाफाइड पैसेंजर (प्रामाणिक यात्री) है। अगर यात्री पहली बार में सही डिटेल दें तो उनकी समस्या का समाधान जल्द से जल्द हो सकेगा।