हबीबगंज भोपाल में एसीपी के रूप में पदस्थ वीरेंद्र कुमार मिश्रा की ओर से यह याचिका दायर की गई। अधिवक्ता पंकज दुबे व रितिका गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि मिश्रा मध्यप्रदेश पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुए थे। जबलपुर जिले के थाना बेलखेड़ा में पदस्थापना के दौरान उन्होंने बड़े ही साहस के साथ हिरन नदी को पार कर आठ डकैतों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान उनकी नाव भी डूब गई थी। इस पर उन्हें 31 मई 2005 को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन (उपनिरीक्षक से निरीक्षक) देने का राज्य शासन ने आदेश जारी किया। इसके बावजूद राज्य शासन ने अपने ही आदेश को अब तक लागू नहीं किया।
यह कहा कोर्ट में
तर्क दिया गया कि पुन: 2007 में वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बहादुरी दिखाते हुए नक्सलियों को पकड़ा। इसके बाद पुन: पुलिस रेगुलेशन 70 (क) के आलोक में सब-इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर के रूप में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया। इसके पश्चात वे डीएसपी के पद पर पदोन्नत हुए। इस बीच राज्य शासन के मंत्रियों ने भी सरकार के आदेशों को लागू करने के लिए लिखा, लेकिन सरकार एवं पुलिस मुख्यालय ने उसे लागू नहीं किया।
समय-समय पर मिश्रा ने राज्य सरकार के समक्ष अपनी आवाज़ उठाई, परंतु राज्य शासन एवं पुलिस मुख्यालय की ओर से कोई कार्यवाही न कर उक्त आदेश को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इस पर मिश्रा की ओर से यह याचिका प्रस्तुत की गई। आग्रह किया गया कि उन्हें 31 मई, 2005 से उपनिरीक्षक से निरीक्षक के पद पर पदोन्नति प्रदान की जाए एवं वरिष्ठता का लाभ दिया जाए।