
भोपाल। पंजाब नेशनल बैंक में फ्रॉड की शिकायत के बाद बैंक अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने मोर्चा खोल दिया है। इसके तहत CBI ने बैंक अधिकारियों सहित अन्य स्टाफ पर 22 मामले दर्ज किए हैं। इन अधिकारियों में भोपाल और उज्जैन की चार ब्रांचों के चीफ मैनेजर समेत बैंक का अन्य स्टाफ शामिल है। फिलहाल 6 राज्यों में पंजाब नेशनल बैंक में फ्रॉड की शिकायत की जांच-पड़ताल सीबीआई कर रही है।
ज्ञात हो कि पंजाब नेशनल बैंक में पूर्व में भी कई बार फ्रॉड और जालसाजी की घटनाएं सामने आई हैं। सीबीआई कई जगह बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी को अंजाम देने वाले गैंग को पकड़ने के लिए छापे भी मारे, वहीं अब बैंक अधिकारियों पर भी नकेल कस रही है। भोपाल और उज्जैन के अलावा सीबीआई हरियाणा, दिल्ली आदि राज्यों में भी जांच कर रही है।
सीबीआई ने बयान में कहा कि आरोप है कि जिन बंधक प्रतिभूतियों के आधार पर कर्ज दिया गया है, उनके मूल्यांकन को बहुत ज्यादा दिखाकर कर्ज मंजूर किए गए। इसके बाद कर्जदारों को वे प्रतिभूतियां बेच दीं और पैसा बैंक में नहीं जमा कराया। इस तरह बैंक को 80 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
ये है मामला...
यह मामला मध्य प्रदेश के भोपाल और उज्जैन में बैंक की चार शाखाओं से संबंधित है। इसके तहत भोपाल, उज्जैन, इंदौर और विदिशा (मध्य प्रदेश), कैथल और गुरुग्राम (हरियाणा), होशियारपुर (पंजाब), नोएडा और आगरा (उत्तर प्रदेश), मुंबई में 47 स्थानों पर कार्यालय के आवासीय परिसर में खोज की गई थी।
यह कहा गया है कि बैंक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने 2011 से 2016 तक कोयले के कारोबार में काम करने वाले निजी व्यक्तियों को धोखाधड़ी से मंजूरी दे दी है और उन्हें ऋण वितरित किया है।
साथ ही यह आरोप लगाया गया था कि संपार्श्विक प्रतिभूतियों के फुलाया मूल्यांकन के खिलाफ ऋण मंजूर किए गए थे। इसके बाद उधारकर्ताओं ने बैंक के साथ आय अर्जित किए बिना प्राथमिक सुरक्षा का निपटारा किया, जिससे 80 करोड़ रुपये का कथित नुकसान हुआ।
Published on:
21 Jan 2018 03:44 pm
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