रतलाम – यहां कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया और भाजपा विधायक जीएस डामोर आमने-सामने हैं। आदिवासी बाहुल्य यह सीट गुजरात की सरहद से लगी है। 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद 2015 के उपचुनाव में देश में सबसे पहले कांग्रेस के हाथ आने वाली यह सीट है। इस पर भी सीधी निगरानी है। यहां डामोर ने विधानसभा चुनाव में भूरिया के बेटे विक्रांत को शिकस्त दी थी, इसलिए इस बार कांग्रेस ज्यादा ध्यान दे रही है।
मंदसौर- किसान आंदोलन में गोलीकांड का क्षेत्र होने से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा उम्मीद थी, लेकिन उसे अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिल पाई। कांग्रेस इसके कारणों की खोज में रही। अब भी किसान कर्जमाफी कांग्रेस का बड़ा मुद्दा है, इसलिए इस सीट पर फीडबैक जुटाया जा रहा है। यहां राहुल के कोर-ग्रुप में रहीं मीनाक्षी नटराजन और भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता में मुकाबला है। गुप्ता के लिए संघ काम कर रहा है।
– टिकट के समय भी फॉर्मूला
इससे पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव टिकट के समय भी राहुल कार्यालय के सर्वे ने अलग रिपोर्ट तैयार की थी। इसका असर भी बाद में टिकट में दिखा। अनेक नए चेहरों को मौका मिला। हालांकि, दिग्गज नेताओं की सिफारिश, पसंद और गुटीय राजनीति भी टिकट में असरदार रही, लेकिन राहुल कार्यालय के फीडबैक से तालमेल बैठाकर ही टिकट फाइनल किए गए थे।