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आइसर भोपाल के वैज्ञानिकों ने की आंवले की जीनोम सीक्वेंसिंग, प्राकृतिक विटामिन-सी उपलब्ध कराने में मिलेगी मदद

आंवले में विदेशों में पाए जाने वाले चेरी व कैमू कैमू जैसे फलों से ज्यादा विटामिन सी और हर तरह की वातावरण में उगने की क्षमता

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भोपाल

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Sunil Mishra

Sep 19, 2023

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आंवला का जीनोम सीक्वेंसिंग करने वाली आइसर भोपाल के वैज्ञानिकों की टीम

भोपाल. भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आइआइएसईआर) भोपाल ने पहली बार औषधीय पौधे आंवला की जीनोम सीक्वेंसिंग करने में सफलता हासिल की है। इसमें आंवले में विटामिन सी बनाने के लिए जिम्मेदार जीन्स की पहचान भी कर ली गई है। इस शोध से लोगों को कृत्रिम की जगह प्राकृतिक विटामिन-सी उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। क्योंकि आंवला फल में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाया है और इसके एक पेड़ से ही सौ किलोग्राम तक फल मिल जाते हैं। यह विटामिन सी के अन्य प्राकृतिक स्रोत जैसे मैक्सिको की चैरी और ब्राजील, कोलंबिया और वेनेजुएला में पाए जाने वाले कैमू कैमू फल से बहुत ज्यादा है। इस शोध से आंवले के फल में विटामिन सी और अमीनो एसिड आदि की मात्रा और बढ़ाई जा सकती है। यह शोधकार्य संस्थान में जीव विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विनीत शर्मा के नेतृत्व में किया गया। जिसमें श्रुति महाजन, मनोहर सिंह बिष्ट और अभिषेक चक्रवर्ती ने सहयोग दिया। आंवला का उपयोग पारंपरिक भारतीय और चीनी चिकित्सा के साथ घरेलू उपचार में किया जाता रहा है। इस शोध के परिणामों को हाल ही में ओपन-एक्सेस जर्नल फ्रंटियर्स इन प्लांट साइंस में प्रकाशित किया गया है।

बीमारियों के इलाज में कारगर इसलिए चुना आंवला

शोधकर्ता डॉ. विनीत शर्मा ने बताया कि आंवला विभिन्न फाइटोकेमिकल्स, खनिज और अमीनो एसिड का एक बड़ा स्रोत है। आंवला को अनियमित फैट स्तर, टाइप 2 डायबिटीज, पुरानी मसूड़ों की बीमारियों, घुटने के पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस और अन्य बीमारियों के इलाज में प्रभावी माना गया है। मगर अभी तक इसकी आनुवांशिक संरचना का विस्तार से अध्ययन नहीं किया गया था। इसलिए हमने आंवला का चयन किया। यह पौधा ऐसा है जो अलग-अलग जलवायु वाले क्षेत्रों में भी खुद को अनुकूलित कर लेता है और वहां जीवित रहता है।

शोध से यह होंगे लाभ

- दवा से लेकर अन्य चीजों में विटामिन सी के लिए सिंथेटिक स्रोत की जगह प्राकृतिक स्रोत में स्विच करने में मदद करेगा।

- आंवले की विटामिन-सी और औषधीय गुणों वाली बेहतर किस्मों को विकसित करने में मदद मिलेगी।

- बेहतर न्यूट्रास्यूटिकल्स, भोजन, सौंदर्य प्रोडक्ट और फार्मास्युटिकल उत्पादों को विकसित करने में मदद करेगा।

- आंवले की जीनोमिक संरचना, उत्पत्ति, विकास और औषधीय महत्व वाले जैव रसायन कैसे बन सकते हैं, यह समझने में मदद मिलेगी।