बैठक में मंत्रियों ने कहा, ऐसा न हो कि सांठ-गांठ कर जमीन हथिया ली जाए। इस पर सीएम ने कहा, हर प्रकरण का परीक्षण करने के बाद ही पट्टा दिया जाना है। जांच कमेटियां रहेंगी, जो विवादित प्रकरण को देखेंगी।
यहां पट्टा नहीं: नए नियमों में राज्य शासन के उपयोग की भूमि, नदी, नालों, धार्मिक संस्था पार्क, खेल मैदान, सड़क, गली या अन्य सामुदायिक उपयोग की जमीनों पर पट्टे नहीं दिए जाएंगे।
कोरोना योद्धा योजना की अवधि बढ़ाई गई
ये भी अहम निर्णय
चैरेटेबिल संस्थाओं को नए प्रावधानों में रियायती दर पर जमीन दी जा सकेगी।
गौशाला के लिए 10 एकड़ तक जमीन एक रुपए के सालाना लायसेंस शुल्क पर दी जा सकेगी।
खेती के लिए भी अलग से सरकारी जमीन के स्थायी अधिकार दिए जा सकेंगे।