सोशल डिस्टेंसिंग का साइड इफेक्ट
युवक-युवती की शादी इसी साल 29 जून को हुई थी लेकिन शादी के कुछ दिन बाद ही पति-पत्नी में छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद होने लगे और इन्हीं विवादों के कारण पत्नी ससुराल छोड़कर अपने मायके चली गई। 2 दिसंबर को पत्नी ने जिला विधिक प्राधिकरण में केस दायर कर दिया। जिसमें उसने पति पर आरोप लगाया कि पति दांपत्य दायित्व निभाने के लिए लायक नहीं है और ससुराल वाले भी उसे परेशान कर रहे हैं। महिला ने आगे बताया क पति फोन पर अच्छी बातें करता है लेकिन उसके पास नहीं आते हैं।
पति को देना पड़ा मर्दानगी सर्टिफिकेट
पत्नी की तरफ से जिला विधिक प्राधिकरण में केस किए जाने के बाद पति वहां पेश हुआ और पूरी बात बताई। पति ने बताया कि शादी के तुरंत बाद पत्नी के माता-पिता कोरोना पॉजिटिव हो गए थे और उसे लगा कि जब घर वाले पॉजिटिव हो गए हैं तो हो सकता है कि वो और उसकी पत्नी भी कोरोना संक्रमित हों। इसी बात को लेकर वह पत्नी के पास नहीं जाता था और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरी तरह से पालन कर रहा था लेकिन पत्नी ने कुछ और ही समझ लिया। मामले को बढ़ता देख विधिक प्राधिकरण ने पति को मेडिकल टेस्ट कराने के लिए कहा । पति ने मेडिकल टेस्ट कराया और मर्दानगी की रिपोर्ट पेश की जिसमें वह पूरी तरह से फिट पाया गया। इस आधार पर पत्नी का केस झूठा निकला जिस पर पत्नी को झूठा केस न करने की सलाह देते हुए काउंसलिंग की गई जिसके बाद एक बार फिर पति-पत्नी एक साथ रहने लगे।