ये भी पढ़ें: बच्चों को लैपटॉप खरीदने के लिए मिलेंगे 25-25 हजार रुपए, जानिए कब ? मतगणना के बाद इन शहरों में विकास कार्य शुरू किए जाएंगे। सिटीज 2.0 प्रोजेक्ट के लिए पूरे देश में केवल 18 शहर चुने गए थे। इनकी घोषणा पिछले साल हो गई थी। उनमें से दो मध्यप्रदेश के हैं। केन्द्र सरकार ने इन शहरों में जलवायु परिवर्तन को रोकने वाले विकास कार्य करने के लिए 1496 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इसमें से लगभग 200 करोड़ मध्यप्रदेश के दोनों शहरों को मिले हैं। यह चार साल का प्रोजेक्ट है। इसके तहत उज्जैन और जबलपुर में एक चक्रीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाली परियोजनाओं को लागू किया जाएगा।
क्लाइमेट सेंटर बनेगा एक्शन प्लान (Smart City Plan)
दोनों शहरों में क्लाइमेट मॉनीटरिंग के लिए केन्द्र बनेंगे। यहां डाटा एकत्रित कर उसकी मॉनीटरिंग की जाएगी। इसमें पर्यावरण या क्लाइमेट को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों और गतिविधियों को चिह्नित किया जाएगा। इसके लिए एक्शन ह्रश्वलान बनाकर उस पर अमल किया जाएगा।
सिटीज 1.0 प्रोजेक्ट में था केवल उज्जैन (Smart City ujjain Plan)
इसके पहले सिटीज-1.0 प्रोजेक्ट में देश के 12 शहरों को चुना गया था। उसमें मध्यप्रदेश का केवल एक शहर उज्जैन शामिल था। इसके तहत 150 करोड़ रुपए की लागत वाले महाकाल- रुद्रसागर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट एप्रोच-2 पर काम हुआ। इससे महाकाल लोक के पास िस्थत रुद्रसागर झील का कायाकल्प किया गया है।
सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ाने शुरू होंगे नए प्रोजेक्ट (Smart City project)
दोनों शहरों में एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने वाले प्रोजेक्ट शुरू होंगे। सर्कुलर इकोनॉमी एक ऐसी प्रणाली है जहां सामग्री कभी भी बेकार नहीं होती और प्रकृति का भी री-जेनरेशन होता है। चक्रीय अर्थव्यवस्था में उत्पादों और सामग्रियों को रखरखाव, पुन: उपयोग, नवीनीकरण, पुन: निर्माण, पुनर्चक्रण और खाद बनाने जैसी प्रक्रियाओं के माध्यम से लगातार उपयोग में लाते हैं। रीसाइकलिंग और रीयूज करने वाली इकाइयां लगेंगी। उज्जैन में भी सॉलिड वेस्ट से खाद व सीएनजी बनाने की योजना है।