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बड़ा झटका :SBI ने दिया होमलोन ग्राहकों को झटका : MCLR में की बढ़ोतरी,अब ज्यादा देनी होगी EMI

बैंक के होमलोन कस्टमर को अब ब्याज दरों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के चलते प्रति माह जाने वाली किश्त के तौर पर ज्यादा पैसा चुकाना होगा।

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sbi

भोपाल। होली के मौके पर अपने ग्राहकों के लिए मियादी ब्याज दरों में इजाफा करने के बाद जहां एसबीआई के ग्राहकों में खुशी की लहर थी, वहीं अब एक नए ऐलान के बाद ग्राहकों के सामने नई परेशानी आ खड़ी हुई है। भोपाल के रहने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट और बैंकिंग एक्सपर्ट अरुण नायर ने बताया कि एसबीआई ने एमसीएलआर में इजाफे का ऐलान कर दिया है। इसका मतलब है कि यदि आप होमलोन लेने की सोच रहे या फिर पहले से भी बैंक के होमलोन कस्टमर को अब ब्याज दरों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी के चलते प्रति माह जाने वाली किश्त के तौर पर ज्यादा पैसा चुकाना होगा।


एसबीआई द्वारा इस बढ़ोतरी से हर महीने की ईएमआई पर बड़ा असर पड़ेगा। यह पहली बार है जब बैंक ने एमसीएलआर लागू होने के बाद से इजाफा किया है। वैसे कई लोग शायद एमसीएलआर के बारे में नहीं जानते हैं, इस बारे में भी हमने अरुण नायर से बात की, उन्होंने बताया कि दरअसल एमसीएलआर है क्या -

भोपाल के बैंकिंग एक्सपर्ट सीए अरुण नायर के मुताबिक यह एक नई उधार दर है, जिस पर अब से लोगों को ऋण दिया जाएगा। इसके चार कॉम्पोनेंट्स हैं: -

मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड (एमसीएफ): नए लोन बैलेंस पर जो ब्याज दर होती है, उसे एमसीएफ कहा जाता है। बैंकों के लिए अपने नेट वर्थ पर यह उधार लेने और चुकाने की सीमांत लागत है।

निगेटिव कैरी ऑन अकाउंट ऑफ कैश रिजर्व रेश्यो: सीआरआर वह राशि है, जो बैंकों को आरबीआई के पास रखनी पड़ती है। एेसे फंड्स की लागत को निष्क्रिय रखा जाता है और लोगों को दिए गए ऋण से वसूला जाता है।

अवधि का प्रीमियम: यह वह अमाउंट होता है जो लोन की अवधि के साथ बढ़ता जाता है।

ऑपरेटिंग कॉस्ट: यह लोन प्रॉडक्ट्स मुहैया कराने की लागत होती है, जिसमें फंड जुटाने और बैंकिंग बिजनेस को संचालित करने की कीमत भी शामिल होती है।

0.25 फीसदी का किया गया इजाफा
बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) से लिंक सभी तरह के लोन पर अपनी ब्याज दरों में इजाफा किया है। इस रेट के तहत उसने पूर्ववर्ती 7.9 फीसदी रेट को बढ़ाकर 8.15 फीसदी कर दिया है। यानी इसमें 0.25 फीसदी का इजाफा किया गया है।

1219 ब्रांचेस हैं मध्यप्रदेश में
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में भारतीय स्टेट बैंक की 1219 ब्रांचेस है। इसके साथ ही पांच एसोसिएट बैंकों के मर्जर होने के बाद इनकी शाखाएं भी एसबीआई में तब्दील हो रही हैं। जिससे एसबीआई की ब्रांचेस 1500 के पार हो जाएगी। इसके अलावा मध्यप्रदेश में जनधन खाते करीब 2 करोड़ 22 लाख हैं, जो जीरो बैलेंस पर खोले गए थे।