
भोपाल से पुणे का किराया 800, लेकिन यात्रियों से 1400 रुपए तक वसूल रहे
भोपाल. त्योहारी सीजन में यदि आप प्राइवेट बस से अपनी मंजिल तक पहुंचने की योजना बना रहे हैं तो आम दिनों की तुलना में आपको दो गुना तक पैसे टिकट के नाम पर देने पड़ सकते हैं। भोपाल से लंबी दूरी की बसों के संचालन के लिए शासन स्तर से जो नेशनल परमिट जारी किए गए हैं उसकी एक शर्त इसकी सबसे बड़ी वजह है। बसों का संचालन देश के किसी भी शहर तक करने का शुल्क वसूली करने का अधिकार बस ऑपरेटर को दिया गया है। बस यहीं से शुरू हो जाता है, बसों की टिकट के नाम पर त्योहारी सीजन में मनमाना किराया वसूली का सिलसिला। वर्तमान में स्थिति यह है कि भोपाल से पुणे जाने वाले यात्रियों से ८०० की जगह 1400 रुपए तक की वसूली की जा रही है। नेशनल परमिट की गाडिय़ां प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों तक जाती हैं जबकि स्टेट गैरेज परमिट में प्रदेश के अंदरूनी जिलों में बसों का संचालन किया जाता है। भोपाल से लंबी दूरी की बसों के अलावा आसपास और प्रादेशिक बस सेवा की टिकटों के नाम पर भी मनमानी चल रही है।
भोपाल से नेशनल परमिट के रूट
- पुणे मुंबई अहमदाबाद सूरत नागपुर रायपुर भिलाई दुर्ग
- भोपाल से स्टेट परमिट के रूट
- इंदौर जबलपुर ग्वालियर रीवा सतना सीधी सागर बालाघाट ङ्क्षछदवाड़ा
बस ऑपरेटरों की मनमानी, नियमों की अनदेखी
प्राइवेट बस ऑपरेटरों की मनमानी के चलते बसों के अंदर किराया सूची चस्पा करने के प्रावधान का पालन नहीं किया जाता है। बसों के अंदर सूची लगाने का नियम बनाने के पीछे किराया दरों में पारदर्शिता लाना था लेकिन इस व्यवस्था को बनने से पहले ही बिगाड़ दिया गया। बस ऑपरेटरों का कहना कि यात्रियों की सुविधा के लिए टिकट कार्यालय में इन सूचियों को चस्पा किया जाता है। ऑपरेटरों की इस मनमानी के चलते बीच सड़क से यात्रा शुरू करने वाले यात्रियों को किराए की जानकारियां कभी नहीं मिल पातीं।
मनमाना किराया वसूली की शिकायतें लंबी दूरी की बसों में हैं। हमारी गाडिय़ां स्टेट परमिट के आधार पर नियमों से चलती हैं।
गोङ्क्षवद शर्मा, प्राइवेट बस ऑपरेटर एसोसिएशन
&बसों के संचालन के लिए ही नियमों का गठन किया गया है। यदि नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो फ्लाइंग स्क्वॉड कार्रवाई करेगी।
संजय सोनी, डीटीसी, परिवहन
Published on:
18 Mar 2024 06:18 pm
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