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मध्य प्रदेश सरकार से जनता ने मांगी सरकारी बसें

ये है मंदसौर बस डिपो का चमत्कारी मंशापूर्ण हनुमान मंदिर। लेकिन, अब तक तो न “चमत्कार” हो पाया और न ही सपनि शुरू होने की “मंशा” पूरी हो पाई।

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भोपाल

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Rajiv Jain

Jul 30, 2024

MPSRTC NEWS

ये है मंदसौर बस डिपो का चमत्कारी मंशापूर्ण हनुमान मंदिर। लेकिन, अब तक तो न “चमत्कार” हो पाया और न ही सपनि शुरू होने की “मंशा” पूरी हो पाई।

पत्रिका जनअभियान : प्रदेश में हो सडक़ परिवहन निगम
अपनी बस मांगने आए आगे लोग, 16 जिलों में 23 ज्ञापन
भोपाल. सड़क परिवहन निगम को दोबारा शुरू कराने के लिए प्रदेशभर में चलाए जा रहे जनअभियान में आम लोग अपना हक मांगने आगे आए हैं। पत्रिका का समस्या के समाधान का सही समय अब जनअभियान का स्वरूप ले चुका। प्रदेश के 15 जिलों में 22 ज्ञापन दिए गए। सोमवार को भी कई जिलों में परिवहन निगम की मांग को लेकर सीएम डॉ. मोहन यादव और परिवहन मंत्री उदयप्रताप सिंह के नाम ज्ञापन सौंपे। आमजन ने बसों की कनेक्टिविटी बढ़ाने के साथ निजी बस ऑपरेटर्स पर अंकुश लगाने के लिए फिर से सडक़ परिवहन निगम की मांग की।
पत्रिका कार्यालय में हो चुके टॉक शो
पत्रिका समूह ने अपने संभाग कार्यालयों और जिला मुख्यालयों पर इस अभियान को लेकर प्रदेश में 50 टॉक शो कर चुका, इनमें 1200 लोग सहभागिता निभाकर अपने विचार रख चुके हैं।
इन मुद्दों पर दिया जोर
टॉक शो में मुख्य रूप से यह मांग उठाई गई कि ग्रामीण अंचलों को लेकर सबसे ज्यादा समस्या है। परिवहन व्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए सडक़ परिवहन निगम का शुरू करना जरूरी है।
मनमाने तरीके से बढ़ते किराया संबंधी समस्या का निदान भी सपनि ही कर सकता है।
सरकारी बसों से न केवल जिला मुख्यालय या ग्रामीण मुख्यालय बल्कि कस्बों तक की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इसका सीधा फायदा व्यापार से लेकर अन्य उद्योगों को भी मिलेगा।
किस जिले में कितने ज्ञापन
6 भोपाल
2 इंदौर, रतलाम
1 जबलपुर, नरसिंहपुर, कटनी, रीवा, गुना, शहडोल, मंडला, बुरहानपुर, खरगोन, मंदसौर, नीमच, छिंदवाड़ा, सिवनी

परिदृश्य एक नजर मे
1962 में सपनि की स्थापना की गई। 3600 से ज्यादा बसों का बेड़ा
19 हजार से ज्यादा कर्मचारी
325 कर्मचारी अभी भी सपनि का हिस्‍सा, इनमें 135 प्रतिनियुक्ति पर
02 जनवरी 2005 को बंद करने का फैसला
2010 में बस व अनुबंधित बसों का संचालन बंद
756 करोड़ का घाटा, दिसंबर 2004 की यही स्थिति
2300 करोड़ की संपत्ति 2004 की स्थिति में

सार्वजनिक हित के लिए फिर चलाया जाए
सपनि को साजिश करके बंद किया गया था। सार्वजनिक हित के लिए इसे चलाया जाना चाहिए था, लेकिन निजी सेक्टर को फायदा देने के मंसूबे से सपिन को सोची-समझी साजिश कर बंद कर दिया गया। अब इसे वापस शुरू करना चाहिए। इससे जनता को राहत ही मिलेगी।
श्यामसुंदर शर्मा, अध्यक्ष, राज्य सड़क परिवहन अधिकारी-कर्मचारी संघ, मप्र