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चुनाव ड्यूटी से बचने ये बना रहे हैं बहाने

चुनाव ड्यूटी से बचने 586 कर्मचारियों ने दिए आवेदन, जिला निर्वाचन अधिकारी ने जांच के लिए भेजे मेडीकल बोर्ड के पास….

भोपालOct 27, 2018 / 01:48 pm

Mithlesh Raghuvanshi

भोपाल /मंडीदीप । आगामी विधानसभा चुनाव में ड्यूटी से बचने के लिए अधिकारी और कर्मचारी तरीके निकालने लगे हैं। विभिन्न बीमारियों से पीडि़त होने के प्रमाण पत्र सहित आवेदन निर्वाचन कार्यालय पहुंचने लगे हैं। अब तक औबेदुल्लागंज ब्लॉक सहित जिलेभर से 586 आवेदन कार्यालय पहुंच चुके हैं।

 

हालांकि इनमें कई कर्मचारी वास्तविक रूप से बीमारियों से पीडि़त हैं, लेकिन कुछ शक के दायरे में भी हैं। आवेदनो की बढ़ती संख्या को देख जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर एस प्रिया मिश्रा ने सभी आवेदनो को मेडीकल बोर्ड भेजने का निर्णय लिया है। जहां आवेदनों में कर्मचारी द्वारा बताई जा रही बीमारी की जांच कर असलियत का पता लगाया जाएगा। यदि बहाना झूठा पाया गया तो कर्मचारी की नौकरी भी खतरे में पड़ सकती है।

 

जिला निर्वाचन शाखा के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधिकारी, कर्मचारियों के आवेदन में ऐसी-ऐसी बीमारियों का उल्लेख किया गया है कि अधिकारी कुछ समझ नहीं पा रहे हैं। कलेक्टर एस प्रिया मिश्रा ने इन आवेदनों को जांचने के बाद फाइलें मेडिकल बोर्ड जिला अस्पताल को भिजवा दी हैं।

ये है आयोग का निर्देश….
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी हुई गाइड लाइन में तय है कि चुनाव ड्यूटी से उन्हें ही अवकाश दिया जाएगा। जिनके पास मेडिकल बोर्ड से जारी प्रमाण-पत्र होगा। हालांकि इस बार दिव्यांग और मातृत्व अवकाश की स्थिति में ही छूट मिलेगी। बाकी को पूरी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।

आठ हजार से अधिक कर्मचारी लगाए ….
जिले की चारों विधानसभा में मतदान के लिए इस बार निर्वाचन में 8 हजार 141 अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इन्हें पोलिंग पार्टी और मतदान अधिकारी के रूप में शामिल किया जाना है। जिनके नाम तय किए गए हैं, उन्हें सूचना भी दी जा चुकी है। सूचना मिलने के बाद अब ड्य़ूटी से बचने के लिए अधिकारी और कर्मचारी आवेदन देने लगे हैं।

निजी डॉक्टरों से लिए प्रमाण पत्र
जानकारी के अनुसार चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने के आवेदन देने वाले अधिकतर कर्मचारियों ने अपनी बीमारी के प्रमाण पत्र निजी प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टरों से लिए हैं। जिनकी जांच अब जिला अस्पताल का मेडीकल बोर्ड करेगा। कलेक्टर ने सभी विभाग प्रमुखों को स्पष्ट कहा कि ऐसे सभी कर्मचारियों के आवेदनों की जांच की जाएगी।

यदि आवेदन झूठे पाए गए तो कर्मचारी की नौकरी खतरे में पड़ सकती है। पिछले एक सप्ताह से मेडिकल बोर्ड के समक्ष कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित हुए। जिनके प्रमाण पत्र अटके हुए हैं। प्रमाण पत्र उन्हें ही जारी किया जाएगा, जो वास्तव में अस्वस्थ हैं।

आवेदन में बताई ये समस्याएं
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के एक उपयंत्री ने आवेदन दिया है कि वे उपस्थित नहीं हो पाएंगे। परिवार के साथ नवरात्रि दशहरा पर्व के टूर पर हैं। इसी तरह एक आवेदन में एक अधिकारी ने किडनी की समस्या और एक कर्मचारी ने हार्ट ब्लॉकेज होने की समस्या बताई है। एक विभाग के कर्मचारी ने मुंह में कैंसर की समस्या बताई है। इसी तरह 10 आवेदन दिव्यांगों की ओर से भी किए गए हैं। 4 आवेदन मातृत्व अवकाश को लेकर आए हैं।

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