भोपाल। नवाब मंसूर अली खान पटौदी। देश के जाने-माने क्रिकेटर, पटौदी के 9वें नवाब और भी न जाने कितने नाम इस नवाब को मिले थे। 5 जनवरी को नवाब पटौदी का जन्म दिवस है।
भारतीय क्रिकेट टीम के एक सक्रिय खिलाड़ी होते हुए सड़क दुर्घटना में अपनी एक आंख गंवा देने वाले नवाब पटौदी अपनी दूसरी आंख भी दान कर गए हैं। उनकी हमेशा से ही इच्छा थी कि वे नेत्रदान करें। मरणोपरांत उनकी बायीं आंख अब किसी और व्यक्ति को रोशनी दे रही है। 5 जनवरी को भोपाल में जन्मे पटौदी 9वें नवाब बने थे। 22 सितंबर को दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया था।
इसलिए रहे चर्चा में
नवाब पटौदी का जन्म 5 जनवरी 1941 को भोपाल के नवाब इफ्तियार अली खान पटौदी के यहां हुआ था। 5 जनवरी को 11 साल की उम्र में ही उनके पिता का देहांत हो गया। युवा मंसूर अली खान ने इस कारण से कभी अपना जन्मदिन भी नहीं मनाया। वे नवाब पटौदी के नाम से जाने गए, लेकिन इस प्रचार का कारण उनका फटाफट क्रिकेट खेलना और बाद में उस जमाने की जानी-मानी अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से प्रेम कहानी और विवाह भी प्रमुख रहा है।
नाना से मिली भोपाल की नवाबी
नवाब पटौदी के पिता इफ्तियार अली खान पटौदी हरियाणा के नवाब थे, लेकिन भोपाल की नवाबी उन्हें नाना के कारण प्राप्त हुई। उनके नाना हमीदुल्ला खान भोपाल के आखिरी नवाब थे। आजादी के बाद उनकी मां साजिदा सुल्तान वहां की नवाब बनीं और बाद में मंसूर अली खान ने नाना की विरासत संभाली। उनके नाना हमिदुल्ला खान की तीन बेटियां थीं।