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बाघिन बीटी-123 ने फिर किया अपनी टेरिटरी में शिकार

- दो बछड़ों पर किया हमला- बाघिन बीटी-123 और उसके चार माह के चार शावक का मूवमेंट रहवास एरिया के नजदीक- खुद सहित चार शावकों के खाने का इंतजाम करती है बाघिन, इसलिए रोजाना निकलती है शिकार पर

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भोपाल। बाघिन बीटी-123 ने एक बार फिर अपनी टेरिटरी में शिकार किया है। मदर बुलफार्म में दूसरी बार शनिवार देर रात बाघिन ने दो बछड़ों का शिकार किया। बाघिन झोंपड़ी के ऊपर से फार्म में दाखिल हुई और बछड़ों पर हमला कर दिया। लगातार हुई घटना के बाद बुलफॉर्म की जाली और ऊंची की जाएगी। वहीं वन विभाग के डीएफओ आलोक पाठक ने टीएंडसीपी को पत्र लिखकर कहा है कि इस क्षेत्र में रेस्टोरेंट की अनुमति न दें। बाघिन हमला कर सकती है। दो टीमें भी सक्रिय की हैं, जो लोगों को वहां जाने से रोकेंगी।

रात को आवागमन भी खतरनाक
बाघिन बीटी-123 अपने चार बच्चों के साथ अपनी टेरिटरी मदरबुल फार्म के ऊपर गुफाओं में अपने चार शावकों के साथ है। उसे खुद के साथ अपने चार बच्चों के खाने के इंतजाम करने होते हैं। ऐसे में वह रात ढलते ही शिकार की तलाश में निकलती है। अभी मदरबुल फार्म उसके निशाने पर है।

इसकी जालियां ऊंची होने के बाद आस-पास बने रेस्टोरेंट और मैरिज गार्डन का रुख भी कर सकती है। ऐसे में कोई हादसा न हो, इसके लिए वन विभाग के डीएफओ ने टीएंडसीपी को पत्र लिखा है। सुरक्षा के लिए टीमों की पेट्रोलिंग बढ़ाई है। लोगों से अपील की है कि वे देर रात इस इलाके में न जाएं।

इसलिए अनुकूल है बाघों के लिए भोपाल
150 वर्ग किमी जंगल ही घना और बाघों की बसाहट के लिए अनुकूल है। बाकी का जंगल पथरीला, विरल और टुकड़ों में बसा हुआ है। वर्ष 2018 की गणना में यहां 18 बाघों की उपस्थिति दर्ज हुई थी। वर्तमान में भी यहां इतने ही बाघ हैं। एक माह पूर्व बाघिन और उसके चार शावक पहली बार कैमरे में कैद हुए थे। बाघिन का मूवमेंट अभी भी मदर बुल फार्म के आस-पास बना हुआ है। क्योंकि उसे यहां खाना मिल रहा है।

बाघिन ने शनिवार रात को फिर से मदरबुल फॉर्म पर हमला किया है। वह खुद सहित अपने बच्चों के खाने का इंतजाम करती है। हमने टीएंडसीपी को रेस्टोरेंट की अनुमति न देने के लिए कहा है। लोगों को भी देर रात मूवमेंट नहीं करने कहा है।
- आलोक पाठक, डीएफओ, वन विभाग