चेक करें मिट्टी तुलसी
का पौधा रोंपते समय मिट्टी के साथ रेत का उपयोग भी करना चाहिए। जिस गमले में तुलसी का पौधा लगा रहे हैं, उसमें पानी निकलने के लिए सही जगह होनी चाहिए, ताकि पौधा जड़ से गीला होकर खराब न हो। मिट्टी के साथ मौरंग की एक लेयर गमले में डालें। दोनों का अनुपात 50-50 फीसदी रखें। पौधा रोपने के लिए जैविक खाद के साथ उपजाऊ मिट्टी का इस्तेमाल करें।
पानी की मात्रा का रखें ख्याल
किसी भी पौधे को हरा भरा रखने के लिए धूप, खाद और पानी तीनों की जरूरत होती है। तुलसी के पौधे का धार्मिक महत्व होने के कारण सामान्य तौर पर लोग सुबह स्नान के बाद तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाते हैं। परिवार के कई सदस्य लोटा भरकर पौधे में पानी देते हैं। लेकिन पानी की अधिकता से पौधा खराब हो सकता है। इसलिए अगर रोज जल चढ़ाते हैं तो मिट्टी सूखने के बाद ही जल चढ़ाएं या थोड़ा-थोड़ा जल दें। मिट्टी की गुड़ाई करते रहें, ताकि पौधे को उचित ऑक्सीजन मिलती रहे।
पानी का तापमान
सर्दियों में ठंडे पानी से स्नान करने में लोग घबराते हैं, तो सोचिए पौधे तो बेहद नाजुक होते हैं। अधिक ठंडा पानी पौधों को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए तुलसी के पौधे को सर्दियों में जल दे रहे हैं तो, ताजा पानी का उपयोग करें। ताजे पानी में कुछ गर्माहट होती है। चाहें तो कच्चा दूध मिलाकर जल से तुलसी को सींचें। यह पेड़ को हरा भरा रखने में मदद करता है।
![tulsi_plant_care_tips_in_winter_season.jpg](https://cms.patrika.com/wp-content/uploads/2023/12/28/tulsi_plant_care_tips_in_winter_season_8656363-m.jpg)
रात में तुलसी ढंक कर रखें
सर्दियों की रातों में गिरने वाली ओर पौधे को नुकसान पहुंचाती है। इसलिए शाम के समय जब तापमान कम होने लगे और ओस गिरने लगे, तो तुलसी के पौधे को सूती कपड़े से ढक कर रखें। चाहें तो पौधे को खुले आसमान में रखने के बजाय किसी शेड के नीचे रखें।
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