1- सांची : प्रदेश के वरिष्ठ नेता और कद्दावर मंत्री रहे गौरीशंकर शेजवार ने इस बार चुनाव से इनकार कर अपने पुत्र मुदित शेजवार को टिकट दिलाया। मुदित अपना पहला चुनाव हार गए। उनको कांग्रेस के प्रभुराम चौधरी ने हराया। शेजवार इस क्षेत्र से लगातार चुनाव जीते हैं। वे 2008 में भी चौधरी से ही चुनाव हारे थे।
– पूर्व मंत्री हरवंश सिंह के बेटे रजनीश सिंह।
– शिवराज सिंह चौहान के-साले संजय मसानी।
– सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया।
– पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह।
– अर्चना सिंह भाजपा जिला अध्यक्ष की पत्नी।
– पूर्व उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव के पुत्र अरुण यादव।
– पूर्व विधायक राजेंद्र दादू की पुत्री मंजू दादू।
– पूर्व सांसद दिलीप सिंह भूरिया की पुत्री निर्मला भूरिया।
– पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बृजमोहन मिश्रा की पुत्री अर्चना चिटनीस।
– पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पुत्र सुंदरलाल तिवारी।
– पूर्व विधायक मुकेश चौधरी के भाई चौधरी राकेश सिंह।
– पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी की पौत्र बहू अरुणा तिवारी।
– पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा।
इंदौर 1 : भाजपा महामंत्री और मालवा के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय इंदौर तीन सीट से चुनाव जीत गए। कैलाश विजयवर्गीय ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा। वे पिछली बार महू से चुनाव जीते थे। कैलाश की जगह उनके पुत्र आकाश को टिकट दिया गया था।
गोविंदपुरा : यहां से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया, कृष्णा यहां से चुनाव जीतीं। पार्टी ने गौर का टिकट काटा जिस पर गौर ने आपत्ति जताई, लेकिन पार्टी ने उनकी बहू को टिकट देकर मना लिया।