राज्य शासन ने सोमवार को जारी आदेश में कहा है कि हुकुमचंद चिकित्सालयजिला इंदौर में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी डा. आनंद राय (pgmo नेत्र रोग विशेषज्ञ) को तत्काल प्रभाव से शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। शासन ने यह कार्रवाई मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 10 के तहत दीर्घ शास्ति अधिरोहित करते हुए की है।
गिरफ्तार भी हो चुके हैं डा. आनंद राय
पिछले साल अप्रैल में डॉ. आनंद राय गिरफ्तार भी हो चुके हैं। व्यापमं घोटाले के व्हिसल ब्लोअर डा. राय के बारे में कहा गया था कि वे कुछ स्क्रीन शॉट शेयर करे वाले थे और उन्होंने सभी को इसके लिए समय भी दे दिया था। इसके बाद अचानक पुलिस ने उन्हें रातों रात गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले भी डा. राय ने एमपी टीईटी पेपर के स्क्रीन शॉट शेयर किए थे, जिसके बाद उनके ऊपर केस दर्ज किया गया था।
जनवरी में भी आए थे सुर्खियों में
इसी साल जनवरी में भी डा. राय उस समय सुर्खियों में आ गए थे जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। उन पर सांसद डामोर और अन्य अधिकारियों पर हमला करने का आरोप है। जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन के नेता डा. आनंद राय ने जमानत मिलने के बाद शिवराज सरकार पर आरोप लगाए थे। राय ने कहा था कि शिवराज सरकार ने उनकी जमानत निरस्त करवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट तक में सालीसिटर जनरल को मेरी जमानत याचिका निरस्त करवाने के लिए खड़ा किया गया। एक करोड़ रुपए खर्च किए गए। उन्होंने कहा था कि मैं क्या देश, राष्ट्र या प्रदेश का शत्रु हूं।
यह भी पढ़ेंः दिल्ली से गिरफ्तार डॉ. आनंद राय को भोपाल की अदालत में पेश किया
VYAPAM घोटाले में फंसी एक और डॉक्टर की मौत, अब तक हो चुकी है 42 की ‘संदिग्ध’ मौत
व्यापमं मुख्यालय का नाम रखा ‘घोटाला घर’, चौराहे पर लिखा ‘घोटाला घर चौराहा’
Memories: व्यापमं महाघोटाले की वो कहानी जो रह गई अधूरी, आज भी रहती है चर्चाओं में