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भोपाल

रेड अलर्टः बाढ़ से कई गांव खाली कराए गए, अति भारी बारिश का भी अलर्ट

Weather Report: मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के पश्चिमी इलाकों में अति भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। मंदसौर की शिवना नदी पहले ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पशुपति नाथ मंदिर भी पानी में डूब गया है। बाढ़ के हालात देखते हुए कई गांवों को खाली करा लिया गया है।

भोपालSep 14, 2019 / 04:46 pm

Manish Gite

weather forecast heavy rain warning

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भोपाल। मौसम विभाग ( imd ) ने मध्यप्रदेश के पश्चिमी इलाकों में अति भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। मंदसौर की शिवना नदी पहले ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पशुपति नाथ मंदिर भी पानी में डूब गया है। बाढ़ के हालात देखते हुए कई गांवों को खाली करा लिया गया है।

पश्चिमी मध्यप्रदेश में लगातार जारी बारिश के बीच मौसम विभाग ने अति भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। रेड अलर्ट वाले जिलों में नीमच, मंदसौर, उज्जैन, रतलाम, शाजापुर, आगर, राजगढ़, धार, झाबुआ, अलीराजपुर जिले शामिल हैं। मौसम विभाग ( India Meteorological Department ) का यह अलर्ट 17 सितंबर तक के लिए है।

 

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यहां हुआ ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के 12 जिलों में ओरेंज अलर्ट जारी किया है। इसमें देवास, सीहोर, इंदौर, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुरकलां, गुना, शिवपुरी, खरगौन, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर जिले शामिल हैं।

पांचवी बार खुले शिवना के गेट
मंदसौर जिले में बारिश का दौर लगातार जारी है। 5वीं बार शिवना नदी ने भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में प्रवेश करके उनके चरण पखारे है। गांधीसागर बांध के 16 गेट, रेतम बैराज के 15 और गाडगिल के आठ गेट खोले, आधा दर्जन से अधिक मार्ग हुए बंद, कई मकान भी हुए क्षतिग्रस्त।
गांधी सागर के गेट खुले
गांधीसागर बांध के गेट शुक्रवार को भी खुले रहे। कलेक्टर पुष्प द्वारा बताया गया कि गांधी सागर दो बड़े गेट शाम 4.30 बजे खोले। इस तरह कुल डेम के 9 छोटे गेट एवं 7 बड़े गेट खेुले है। जिनसे 3 लाख 78 हजार 474 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। गरोठ, भानपुरा, शामगढ़ और सुवासरा में बारिश हुई। मल्हारगढ़ में तेज बारिश के कारण घरों के सामने सड़क पर इतना पानी था कि सड़क पार करने के लिए रस्सी एक किनारे से दूसरे किनारे तक बांधना पड़ी। मल्हारगढ़ क्षेत्र के गाडगिल सागर के आठ गेट खोले गए। मल्हारगढ़ क्षेत्र में भी कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश का दौर चलता रहा।

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मौसम को प्रभावित करने वाले कारक
-उत्तरी मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर स्थित कम दबाव का क्षेत्र अब उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। इससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण अब औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है तथा इसका ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकाव है।

-औसत समुद्र तल पर मानसून द्रोणिका अब अनूपगढ़, कोटा, उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर स्थिति कम दवाब क्षेत्र का केंद्र, सीधी, भागलपुर और पूर्व की ओर पूर्वी की ओर उत्तरी बांग्लादेश होती हुई में पूर्वी असम बनी हुई है।

-पश्चिमोत्तर मध्य प्रदेश स्थित कम दबाव क्षेत्र के साथ जुड़े चक्रवाती परिसंचरण से लेकर झारखण्ड से होती हुई उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भाग तक औसत समुद्र तल से ऊपर 0.9 से 3.1 किलोमीटर के बीच द्रोणिका बनी हुई है।

-उत्तर-पूर्वी अरब सागर पर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अब कमजोर हो रहा है। पूर्वोत्तर अरब सागर और आसपास के सौराष्ट्र और कच्छ पर चक्रवाती परिसंचरण अब समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर कच्छ और आसपास के क्षेत्रों पर स्थित है।

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