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किसने लिखी मध्यप्रदेश के हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे की स्क्रिप्ट

  - कौन सच्चा - कौन झूठा- क्या झूठी है कांग्रेस की कहानी  

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भोपाल

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Arun Tiwari

Mar 05, 2020

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,किसने लिखी मध्यप्रदेश के हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामे की स्क्रिप्ट

भोपाल : प्रदेश में चल रहे हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा में नया मोड़ आ गया है। दिग्विजय सिंह ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा की हॉर्स ट्रेडिंग खुल कर सामने आ गयी। लेकिन उनके मंसूबे पूरे नहीं हुए। सभी विधायकों का आभार। भाजपा में इस हॉर्स ट्रेडिंग के लिये जिम्मेदार हैं शिवराज चौहान, नरोत्तम मिश्रा, संजय पाठक, विश्वास सारंग और भूपेंद्र सिंह। उन्होंने लिखा कि मोदी-शाह जी काला धन आप की पार्टी में ही है आप विदेशों में कहां ढूंढते हो। लेकिन जिन विधायकों को कांग्रेस नेता बंधक बनाने की बात कर रहे है उन्होंने ही कांग्रेस के दावे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बसपा विधायक संजीव कुशवाहा ने इसे मंत्रियों की नंबर बढ़ाने की कोशिश बताया।

रामबाई ने दिग्विजय की उनके साथ मारपीट की बात को झुठला दिया तो सपा विधायक राजेश शुक्ला ने बंधक बनाने या भाजपा के ऑफर देने की बात से इनकार किया। यहां तक कांग्रेस के विधायक ऐदल सिंह कंसाना और कमलेश जाटव ने भी अगवा होने या हॉर्स ट्रेडिंग को झूठा बताया। विधायकों को भाजपा के कब्जे से छुड़ाकर भोपाल लाने का दावा करने वाले मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि उनके पास भाजपा की हॉर्स ट्रेडिंग के सबूत हैं जो वे वक्त आने पर पेश करेंगे। वहीं मंत्री जयवद्र्धन सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा कि मारीच बनो या शकुनि, यह तुम्हारी नैया पार नहीं लगने वाली है। आप तो बस इंतज़ार कीजिए, पुराने पापों का हिसाब देने का समय आ चुका है।

किसने क्या कहा :
- रामबाई ने कहा कि मेरे साथ खरीद फरोख्त को लेकर कोई बात नहीं हुई है। ना ही मेरे साथ किसी तरह की हाथापाई की गई है। दुनिया में कोई पैदा नहीं हुआ जो हमें हाथ लगा दे। सभी लोग अपनी मर्जी से गए थे और अपनी मर्जी से आए हैं। मैं कमलनाथ जी के साथ थी और अगले जन्म में भी रहूंगी। राज्यसभा में वोटिंग किसे करना है ये बसपा सुप्रीमो मायावती के आदेश के बाद तय होगा। दिल्ली में किसी भी भाजपा नेता से मुलाकात नहीं हुई। भूपेंद्र सिंह के साथ दिल्ली जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि क्या किसी के साथ जाना गुनाह है। मैं जिस फ्लाइट से जा रही थी उसी फ्लाइट से भूपेंद्र सिंह जा रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं अपनी बेटी से मिलने और उसका इलाज कराने दिल्ली गई थी। इसमें भाजपा नेताओं का कोई रोल नहीं है। उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार में खुद के मंत्री बनाए जाने की संभावना भी जताई।

- संजीव कुशवाहा ने कहा कि हमें किसी ने बंधक नहीं बनाया और ना ही दिल्ली में किसी भी भाजपा नेता से हमारी मुलाकात हुई है। कांग्रेस के मंत्री हीरो बनने की कोशिश कर रहे हैं। वे इस तरह की बयानबाजी कर अपने नंबर बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। उनको छपास की बीमारी है। मंत्री अगर इतने ही बहादुर हैं तो वो बाकी 4 विधायकों को छुड़ा कर क्यों नहीं लाए। मंत्री बताएं हम कहां थे किस होटल में ठहरे थे। मैं दिल्ली व्यक्तिगत काम से गया था। दिग्विजय सिंह का फोन आया कि मध्यांचल आ जाना और मैं आ गया। मंत्री स्पष्ट करें कि वे कहां से हमारा रेस्क्यू करके लाए हैं। अगर हम जाना चाहेंगे तो क्या वे हमको रोक लेंगे।

- राजेश शुक्ला ने कहा कि हम अपनी मर्जी के मालिक हैं। भाजपा के किसी नेता ने हमसे संपर्क नहीं किया। हम समर्थन दे रहे हैं और आप हम पर शक कर रहे हैं। मैं और बसपा विधायक एक साथ दिल्ली गए थे। हम विधायक हैं इसलिए सभी नेताओं के संपर्क में रहते हैं।

- कांग्रेस विधायक ऐदल सिंह कंसाना और कमलेश जाटव ने भी भाजपा के ऑफर देने या उनको बंधन बनाने की खबरों को गलत ठहरया। कंसाना ने कहा कि वे पारिवारिक कारणों से 3 तीन दिन से दिल्ली में थे। उन्हें न तो किसी ने किसी तरह का ऑफर दिया और न ही कहीं बंधक बनाकर रखा गया। जो खबरें उड़ रही हैं, वे सभी निराधार हैं। कमलेश जाटव ने कहा कि मंगलवार को शाम करीब 4 बजे वे अपनी मां को लेकर चेकअप के लिए दिल्ली गए थे। वहीं मध्यांचल में ठहरे थे। दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात करने को कहा। हमने बात की तो मुख्यमंत्री ने भोपाल आने को कहा, इसलिए हम अंबाह लौटने की बजाय सीधे भोपाल आ गए। विधायक रणवीर जाटव ने कहा कि मैं अपने व्यक्तिगत काम से दिल्ली गया था और एमपी हाउस में रुका था। मेरा भाजपा से किसी प्रकार का संपर्क नहीं है। कांग्रेस का हूं और हमेशा कांग्रेस का ही रहूंगा।

सामने आ गया दिग्विजय का झूठ : नरोत्तम
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बसपा और सपा के विधायकों के बयानों से यह स्पष्ट हो गया है कि दिग्विजय सिंह झूठ बोल रहे थे और यह भी साफ हो गया है कि उमंग सिंगार ने ट्वीट के माध्यम से जो कहा था वह बात सही है कि पूरी लड़ाई राज्यसभा की सीट के लिए थी। नरोत्तम ने कहा कि पिछले सवा साल से सपा बसपा और निर्दलीय जो पूरी निष्ठा के साथ सरकार का साथ दे रहे उन पर ही सरकार ने अविश्वास किया। उन विधायकों को बिकाऊ बताना आपत्तिजनक और अफसोसजनक है।