वहीं सांड की हालत को देखते हुए वहां के आमजन में रोष फेल गया और उन्होंने अस्पताल व डाक्टरों का घेराव कर विरोध जताया। आरोप है कि डॉक्टर ने लोगों संग अभद्र व्यवहार किया। पशु अस्पताल में पहुँचे लोगों ने बताया कि ये पूरे शहर में घूमने वाला अकेला सांड है। जो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता और न ही कभी किसी ने इसकी कोई शिकायत की है।
उसके बावजूद सरकारी डॉक्टर ने इसके अंग को तकलीफ देते हुए उसकी नसबन्दी कर दी और सांड को तड़पने के लिये घायल अवस्था में अस्पताल के बाहर छोड़ दिया। सांड की नंसबंदी के बारे में पशु डॉक्टर सुधीर ने बताया कि ऊपर से आदेश हैं। इसलिए उन्होंने सांड की नसबंदी की है। वहीं इस प्रकरण में एडीएम द्वारा मामले की जांच कराने की बात कही गई है।