
संसदीय कार्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं की प्रतिष्ठा और सम्मान के लिए लोकसभा की तर्ज पर भाजपा सरकार राज्यसभा में भी मुस्लिम महिलाओं के विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2017 (मुस्लिम वुमन प्रोटक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल) के फ्लोर मैनेजमेंट में लगी है।
इसके लिए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब नबी आजाद से भी चैम्बर में जाकर मिले हैं। उनको बताया गया कि शरीयत में भी एक बार में तीन तलाक की मान्यता नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, 'राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता ने उनको बताया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के आला नेताओं के साथ परामर्श के बाद ही इस बिल पर कांग्रेस का स्टैण्ड तय होगा।' उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्यसभा में भाजपा का फ्लोर मैनेजमेन्ट लोकसभा की तरह कामयाब रहेगा।
राज्यसभा में तीन जनवरी को पेश होगा
मंत्री मेघवाल ने बताया कि ३ जनवरी को यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा। हालांकि इस बिल के पारित होने में कई तरह की पेचीदगियां दिख रही हैं, लेकिन फ्लोर मैनेजमेन्ट से सकारात्मक उम्मीद बंधी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के महिला प्रेम के चलते भाजपा सांसदों की टीम ने उनके प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्र में मुस्लिम महिला का हवाला देकर मुस्लिम समर्थक तृणमूल कांग्रेस पार्टी तक से इस बिल का समर्थन करवाया।
सभी सांसदों से मिले
मेघवाल ने माना कि मुस्लिम महिलाओं के विवाह संरक्षण विधेयक में ट्रिपल तलाक कानून का मसौदा अन्तर मंत्रीय समूह की ओर से तैयार करने के बाद लोकसभा में पारित करने के लिए फ्लोर मैनजमेन्ट में सफल रहे। वे इसके लिए सभी पार्टी के सांसदों से मिले। बिल का पूरा अध्ययन किया और सभी सांसदों को बिल पर सहमत करने की कोशिश की।
ट्रिपल तलाक अनुचित
मसौदे के अनुसार बिल में ट्रिपल तलाक देने को सर्वथा अनुचित बताया गया है। यह गैर जमानती और संज्ञेय अपराध करार दिया गया है। पीडि़त महिलाओं को गुजारा भत्ता मांगने का अधिकार है। बिल केवल ट्रिपल तलाक पर ही लागू करने का प्रावधन किया गया है।
Published on:
02 Jan 2018 12:31 pm
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