इस घटनाक्रम के बाद रेलवे और यूआईटी ने इस दीवार को लेकर अपने-अपने दावे करने शुरू कर दिए। नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष जावेद पडि़हार ने विरोध करते हुए इसे आम रास्ता बनाने की मांग की। घटनाक्रम को देख रेलवे ने मौके पर आरपीएफ जवान तैनात कर दिए। रेलवे अधिकारियों ने क्षेत्रवासियों और यूआईटी कार्मिकों के समक्ष दीवार को लेकर अधिकार जताया, लेकिन देर रात कोई हल नहीं निकल पाया।
पुलिस से नहीं मिली सहायता
मामले की गंभीरता को देखते हुए रेलवे की इंजीनियरिंग शाखा के अधिकारियों ने पुलिस थाने में गुहार लगाई। आरोप है कि पुलिस अधिकारियों ने रेलवे अधिकारियों का इस मसले पर कोई सहयोग नहीं किया। एेसे में रेल अधिकारी मामला दर्ज नहीं करवा सके।
रेलवे के वरिष्ठ मंडल इंजीनियर एनके शर्मा ने रोष जताते हुए कहा कि इस मामले को लेकर पुलिस थाने से सम्पर्क साधा तो उन्होंने सहयोग नहीं किया। अब रेलवे ने पुलिस महानिरीक्षक तथा जिला कलक्टर को लिखित में जानकारी देते हुए दीवार के पुन: निर्माण में सहयोग मांगा है। रेलवे इस दीवार और इसके आस-पास की जमीन को रियासतकाल से अपनी होने का दावा कर रहा है।
मास्टर प्लान में सड़क
वहीं नगर विकास न्यास के सचिव आरके जेसवाल ने दावा किया है कि सर्वोदय बस्ती को मुक्ताप्रसाद नगर के सेक्टर तीन से जोडऩे वाली सड़क न्यास की है। यह सड़क मास्टर प्लान के तहत है और 60 फीट चौड़ी है। न्यास के नाम पर खसरा नम्बर 365 की जमीन पर यह सड़क बनी हुई है। रेलवे की ग्राम चकगर्बी में खसरा नम्बर 351 में 562 कच्चा बीघा जमीन है। मास्टर प्लान की सड़क पर आमरास्ते को बंद कर दीवार बनाई गई थी, उसे तोडऩे के साथ ही अन्य अवरुद्धों को भी हटाने की कार्रवाई की गई है।