बिट्टा शनिवार को यहां रवीन्द्र रंगमंच में होने वाले शहीद वीरांगना समारोह में शिरकत करेंगे। बिट्टा ने पत्रकारों से कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना इतना आसान नहीं था, कई राजनीतिक पार्टियां आईं और गईं, लेकिन इस कैंसर सरीखी बीमारी को हटाने की किसी ने हिम्मत नहीं दिखाई। यह काम वहीं कर सकता था, जिसे कुर्सी का मोह नहीं हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह किया, इसके लिए मैं उनका आभारी हूं।
बिट्टा ने नोटबंदी से जुड़े सवाल पर कहा कि नोटबंदी से लोग परेशान हुए, यह सही है, लेकिन इससे आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली फंडिंग पर रोक लगी है। यह भी सही है कि आतंकवादियों की नोटबंदी के बाद कमर टूटी थी। बिटटा ने सर्जिकल स्ट्राइक को भी देशहित में बताया। उन्होंने कहा कि मुझे याद आ रहा है कि राष्ट्रहित में अच्छा काम करने पर देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी को मां दुर्गा का रूप बताया था।
एेसे में हमें राजनीति से ऊपर उठकर अपने देश हित में सोचना चाहिए। उन्होंने कह कि एक समय शहीद के परिजनों को मुआवजे के तौर पर महज ७० हजार रुपए मिलते थे, लेकिन वर्तमान में केन्द्र सरकार शहीद के परिजनों को एक करोड़ रुपए की सहायता देती है। कई राज्य भी शहीदों के सम्मान में उनके परिजनों को अच्छा मुआवजा देते हैं। बिट्टा ने जनसंख्या पर कहा कि जिस प्रकार संविधान सभी के लिए समान है, उसी प्रकार जनसंख्या से जुड़े मसलों पर भी सरकार को विचार करना चाहिए। उन्होंने जनसंख्या वृद्धि को खतरनाक बताया।
वीरांगनाओं का सम्मान आज
सीमाजन कल्याण समिति की ओर से रवीन्द्र रंगमंच में शनिवार को शाम साढ़े पांच बजे शहीद वीरांगना सम्मान समारोह होगा। इसमें एमएस बिट्टा सहित केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक एवं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संघ चालक डॉ. रमेश चन्द्र अग्रवाल तथा अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष जयचंद लाल डागा व सीमाजन कल्याण समिति के जिला मंत्री संग्राम सिंह राठौड़ शिरकत करेंगे।