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शिक्षा विभाग का नवाचार: रोजाना स्कूल आने वाले विद्यार्थियों को मिलेगा बीस रुपए का पुरस्कार

सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के ठहराव को सुनिश्चित करने और विद्यार्थियों को नियमित स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षा विभाग ने नवाचार किया है।

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बृजमोहन आचार्य/बीकानेर। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के ठहराव को सुनिश्चित करने और विद्यार्थियों को नियमित स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षा विभाग ने नवाचार किया है। इसमें प्रत्येक सरकारी स्कूल में उपिस्थति में टॉपर पांच विद्यार्थियों को बीस-बीस रुपए के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। यह प्रक्रिया साल में तीन बार दोहराई जाएगी। हर तीन महीने में उपिस्थति के आधार पर विद्यार्थी का पुरस्कार के लिए चयन होगा। पुरस्कार वितरण स्कूल में सामुदायिक जागृति दिवस कार्यक्रम में किया जाएगा।

यह कार्यक्रम साल में तीन बार प्रदेश के 69 हजार 401 सरकारी विद्यालयों में आयोजित होंगे। इनके लिए तारीख घोषित करने की जगह हिंदू पंचांग की अमास्य तिथि को तय किया गया है। अमावस्या के दिन ही कार्यक्रम करने के पीछे भी विशेष कारण है। इस दिन श्रमिक वर्ग काम से छुट्टी रखते है। श्रमिकों के बच्चों को स्कूल में नियमित भेजने के लिए प्रेरित करने के लिए उनकी उपिस्थति कार्यक्रम में रखने का प्रयास किया गया है। वे अभिभावक के रूप में कार्यक्रम का हिस्सा बन सकेंगे। शिक्षा सत्र 2024-25 में अगस्त, अक्टूबर एवं दिसम्बर में अमावस्या के दिन समुदाय जागृति दिवस कार्यक्रम होंगे। इस दिन सरकारी अवकाश होने की सूरत में अगले दिन कार्यक्रम किया जा सकेगा।

सालाना 2 करोड़ 8 लाख रुपए आएगा खर्च

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त अविचल चतुर्वेदी ने सामुदायिक जागृति दिवस के आयोजन और पुरस्कार के संबंध में आदेश जारी किए है। इसके मुताबिक साल में तीन बार स्कूल के टॉपर पांच-पांच विद्यार्थियों को बीस-बीस रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे। तीनों बार अमावस्य के दिन कार्यक्रम होगा। प्रदेश के 69,401 स्कूलों को 2 करोड़ 8 लाख 20 हजार 300 रुपए का बजट आवंटित किया है। एक बार पांच पुरस्कार पर 100 रुपए खर्च होंगे। यानि तीन बार में 300 रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रदेश में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय 51 हजार 977 और माध्यमिक व उच्च माध्यमिक 17 हजार 424 हैं।

सामुदायिक जागृति में यह भी शामिल

इस दिन स्कूल में अध्यापक अभिभावक संघ की बैठक होगी। बाल विवाह, बाल श्रम, महिला सशक्तीकरण, आपदा प्रबंधन, स्वच्छता, शौचालय, पेयजल, मिड-डे-मील, ठहराव व उपस्थिति, बालिका शिक्षा, जनसहयोग आदि पर चर्चा की जाएगी।


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