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डिग्गियों की गहराई में समा रही जिंदगियां, रुला रही मासूमों की मौत

- पिछले ढाई साल में 283 लोगों की पानी में डूबने से गई जान

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डिग्गियों की गहराई में समा रही जिंदगियां, रुला रही मासूमों की मौत

डिग्गियों की गहराई में समा रही जिंदगियां, रुला रही मासूमों की मौत

जयप्रकाश गहलोत/बीकानेर. खेतों में पानी का स्टोरेज कर फसलों की सिंचाई करने के लिए बनाई गई पानी की डिग्गियां अब जीवन पर भारी पड़ने लगी हैं। किसानों व ग्रामीणों की लापरवाही के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। 80 फीसदी पानी की डिग्गियों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। चिंता की बात यह है कि डिग्गियों में सर्वाधिक हादसे गर्मी के दिनों में होते हैं। गर्मी के दिनों में रेवड़ चराने वाले, श्रमिक, खेतों में काम करने के दौरान काश्तकार के परिवार के लोग पानी पीने एवं नहाने के लिए इन डिग्गियों में उतरते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं। जिला पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक पिछले ढाई साल में अब तक 283 लोग नहर, घर में बनी पानी की कुंडी, टांका एवं खेतों में बनी डिग्गियों में डूब कर जान गंवा चुके हैं।

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केस एक :- श्रीडूंगरगढ़ तहसील के सतासर गांव में तीन जून को बाप-बेटे की खेत में बनी डिग्गी में डूबने से मौत हो गई। दोनों डिग्गी में तिरपाल लगाने का कार्य कर रहे थे, तभी बेटे सवाई सिंह का पैर फिसल गया और डूबने लगा। तब पिता बहादुरसिंह बेटे को बचाने डिग्गी में कूदा। डूबने से दोनों की मौत हो गई।

केस दो :- नोखा तहसील के टांट गांव में 13 सितंबर, 22 को पति-पत्नी की खेत में बनी डिग्गी में डूबने से मौत हो गई। खेत से पानी भरते समय मदनलाल मेघवाल की पत्नी राजू देवी डिग्गी में गिर गई। उसे बचाने मदनलाल भी कूद गया, जिससे दोनों की मौत हो गई।

केस तीन :- पूगल तहसील के चक आठ सीएम नाडा में 14 अप्रेल को बुकलाराम, आरती व वसुंधरा की खेत में बनी पानी की डिग्गी में डूबने से मौत हो गई। नौ वर्षीय आरती पैर फिलसने से डिग्गी में गिर गई, जिसे बचाने सगा भाई बुकलराम व चाचा की लड़की वसुंधरा बचाने डिग्गी में उतर गए। तीनों की मौत हो गई।

केस चार :- देशनोक कस्बे की नेहरू बस्ती में 22 सितंबर, 22 को घर में खेलते समय दो सगे भाई दो वर्षीय हरिओम मेघवाल एवं तीन वर्षीय विष्णु खेलते समय घर में बनी पानी की कुंडी में गिर गए, जिससे दोनों की मौत हो गई।

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283 में से 19 अज्ञात, बच्चे सर्वाधिक

जिला पुलिस के आंकड़े बेहद हैरान करने वाले हैं। जिले में जनवरी-21 से मई 2023 तक 283 जिंदगियां पानी में डूबने से शांत हो गईं। इनमें बच्चे, महिला व पुरुष शामिल हैं। खेत में बनी पानी की डिग्गी में डूबने से 196, नहर 38, घर में बनी हौद व टांके में डूबने से 38, गंदे पानी में डूबने से दो, कपिल सरोवर में डूबने से 9 लोगों की मौत हुई है। इन मृतकों में 19 लोग ऐसे हैं, जिनकी पानी की डिग्गी, नहर, टांके में डूबने से मौत हुई, जिनका आज तक कोई पता नहीं चला।

पुरुषों के बाद बच्चों की मौत

जिले में खेतों में बनी डिग्गियों में डूबने से पुरुष किसानों के अलावा किशोर व बच्चों की संख्या सर्वाधिक हैं। किसी न किसी तरह से पानी में डूबने वालों में 61 महिलाएं, 64 बच्चे (उम्र 1 से 20 साल की उम्र) एवं शेष 158 लोग 21 से 60 साल तक की उम्र के हैं। बच्चों की मौत डिग्गी में नहाने एवं पानी पीने के दौरान हुई है। जबकि कई महिला-पुरुषों ने जानबूझकर पानी की डिग्गी, नहर, टांके व तालाब में कूदकर जान दी है।

यह हैं नियम

- खेत में बनाई जाने वाली पानी की डिग्गी का तलघर पक्का हो।- डिग्गी के चारों तरफ पांच फीट तक तारबंदी हो।

- डिग्गी में उतरने के लिए सीढि़यां हों और एक जंजीर बंधी हो।- डिग्गी पर छोटे बच्चों व पशुओं के आवागमन पर रोक हो।

- डिग्गी के पास रात के समय रोशनी की व्यवस्था हो।

इनका कहना है ...

खेतों में बनी पानी की डिग्गियों में डूबने के हादसे ज्यादा हो रहे हैं। ऐसे में जिला व संबंधित विभाग डिग्गियों के निर्माण व सुरक्षा के इंतजामों की पूरी तस्दीक करने के बाद ही बनवाने की अनुमति दें। जिले में 196 बच्चे, महिला-पुरुष की खेतों में बनी डिग्गी में डूबने से मौत हो चुकी है, जो चिंता की बात हैं।

तेजस्वनी गौतम, पुलिस अधीक्षक