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दूध उत्पादन में सार्दुलगंज के नवीन बने यूथ आइकन, नौकरी छोड़कर अपनाया पशुपालन

कृषि एवं पशुपालन हमारे देश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा है।

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दूध उत्पादन

बीकानेर. कृषि एवं पशुपालन हमारे देश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा है। आधुनिक समय में मैनेजमेंट तक की उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले युवा लाखों रुपए की तनख्वाह को छोड़कर उन्नत कृषि और पशुपालन को अपना मुख्य व्यवसाय अपना रहे हैं। बीकानेर शहर के भी एक युवा ने कुछ एेसा उदाहरण प्रस्तुत किया है।

यहां के सार्दुलगंज निवासी नवीन सिंह तंवर, पशुपालन व्यवसाय के क्षेत्र में यूथ आइकन बनकर उभरे हैं। तंवर के व्यावसायिक जीवन में चार साल पहले टर्निंग पाइंट आया। छह साल से देश की एक बड़ी टेलीकॉम इंडस्ट्री से जुड़ा व्यवसाय छोड़ नवीन सिंह के दिमाग में खेती और पशुपालन से जुड़ा व्यवसाय करने की बात घर कर गई।
बस फिर क्या था।

नवीन ने बीछवाल क्षेत्र में नहर किनारे पैतृक फार्म हाउस में पशुपालन की शुरुआत की। शुरू में होलेस्टन नस्ल की दो गाय लाए। फिर यह काम इतना रास आया कि उनके एक मित्र संजीव शर्मा भी जुड़ गए। उन्होंने गायों की संख्या बढ़ाई और पूरे संसाधन विकसित कर काउबेल्स नाम से अपनी एक डेयरी की शुरू कर दी।

दिन-प्रतिदिन काम बढ़ता गया और काउबेल्स डेयरी में गायों की संख्या ढाई सौ तक पहुंच गई। वर्तमान में करीब डेढ़ सौ गायें दूध दे रही हैं। यह दूध व बीकानेर शहर में करीब ६५० घरों में रोजाना पहुंचाते हैं। शहर के कई परिवारों को इस उन्नत व आधुनिक तकनीक के साथ विकसित की गई डेयरी का भ्रमण भी करवाया जाता है।

यहां आने वाले परिवारों को गायों को दिए जाने वाले गुणवत्तापरक पशु आहार तथा साफ -सफ ाई एवं गाय को दुहने से लेकर दूध की पैकिंग तक स्वच्छता पूर्ण तकनीक के बारे में भी बताया जाता है। लोग प्रभावित होकर डेयरी का दूध खरीदने लग जाते है।

मिल्क पार्लर, ब्लक कूलर और पैकेजिंग प्लांट
वे बताते हैं कि उन्होंने अपनी डेयरी को आधुनिक संसाधनों से विकसित किया है। यहां गायों का दूध मैकेनाइज्ड तरीके से निकाला जाता है। इसके लिए यहां मिल्क पार्लर स्थापित किया गया है जिसमें एक साथ 14 गायों का दूध मशीनों से निकाला जाता सकता है।

मिल्क पार्लर में गायों का दूध निकालने के बाद पैक्ड कैन से पाइप के जरिए दूध को ब्लक कूलर में सप्लाई किया जाता है जहां इसे 4 डिग्री तापमान पर ठंडा किया जाता है। ब्लक कूलर से दूध को पाइप के जरिए ही पैकेजिंग मशीन में लगे बर्तन में सप्लाई किया जाता है जहां से यह एक लीटर की पैकिंग में घर.घर सप्लाई किया जाता है।

प्रतिदिन 1500 लीटर दूध
वर्तमान में इन गायों से प्रतिदिन 1500 लीटर दूध उत्पादित हो रहा है, जिसे काउबेल्स डेयरी ब्रांड नेम से पैकेजिंग कर डोर-टू-डोर सप्लाई किया जा रहा है। वर्तमान में डेयरी फार्म का वार्षिक टर्नओवर डेढ़ करोड़ तक पहुंच चुका है। दुग्ध उत्पादन के साथ-साथ इस डेयरी में नस्ल संवर्धन पर भी काम हो रहा है, ताकि गायों की अधिक दुधारू नस्ल विकसित हो सके।


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