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रसद विभाग की टीम ने किया खुलासा, मृत व्यक्ति के नाम पर उठा रहे थे राशन

पत्रिका ने उठाया था मुद्दा - गरीब के राशन में घोटालों की गांठ : अधिकारियों ने प्रथम दृष्टया माना लाखों रुपए का गबन

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scam in ration distribution

नाल गांव के उचित मूल्य दुकानदार द्वारा मृत व्यक्ति के नाम से राशन उठाने का मामला सामने आया है। वार्ड एक में रहने वाले राजेन्द्र सिंह की करीब दो साल पहले मौत हो चुकी थी, लेकिन नाल गांव का उचित मूल्य दुकानदार ईशाक खां उसके राशन कार्ड का फर्जी तरीके से उपयोग करता रहा। दुकानदार ने सितम्बर माह के सात दिनों में करीब छह हजार लीटर केरोसिन का फर्जी तरीके से वितरण कर डाला।

राजस्थान पत्रिका ने 'गांव की दुकान शहर में वितरण' शीर्षक से खबर प्रकाशित कर फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। पत्रिका की ओर से चलाए गए अभियान के बाद रसद विभाग के मुख्यालय ने विभिन्न जिलों के तीन दल गठित कर उसमें नौ अधिकारियों को बीकानेर जांच के लिए भेजा।

एक दल में शामिल अधिकारियों ने गुरुवार को नाल गांव के इस दुकानदार की ओर से किए गए फर्जीवाड़े की परतें खोलनी शुरू कर दी। वे बंगला नगर स्थित राजेन्द्र सिंह के घर पहुंचे जहां उसके लड़के संदीप सिंह ने बताया कि उसके पिताजी की मृत्यु हुए दो साल हो चुके हैं, उसने अपने पिता का मृत सर्टिफिकेट भी दिखा दिया।

आधार कार्ड का हो रहा दुरुपयोग
शहर और गांव के अधिकतर उचित मूल्य दुकानदार अपने स्टॉक को पूरा करने के लिए फर्जी तरीकों से राशन का उठाव कर रहे हैं। रसद विभाग की प्रारंभिक जांच में इस प्रकार के खुलासे होने लगे हैं। नाल गांव के जिस उचित मूल्य दुकानदार ने सात दिन में करीब छह हजार लीटर केरोसिन का वितरण किया, उसमें भी अधिकतर फर्जी आधार कार्ड का उपयोग किया था।

इसी प्रकार टीम में शामिल अधिकारियों ने बंगलानगर के टीकूराम नामक व्यक्ति से संपर्क किया, जिसने बताया कि उसने कभी राशन का उठाव नहीं किया, जबकि उसके खाते से नियमित राशन का उठाव हो रहा है। गुरुवार को टीम के अधिकारियों ने कोलायत और छतरगढ़ में स्टॉक और वितरण का मिलान किया, जिसमें प्रथम दृष्टया कई अनियमितताएं मिली हैं। छतरगढ़ में दो दुकानें बंद मिली थी।

होगी एफआईआर
टीम के अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान फर्जीवाड़े से जुड़े प्रकरणों को लगातार रिकॉर्ड किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संबंधित जानकारी को मुख्यालय को भेजा जाएगा, इसके बाद संबंधित उचित मूल्य दुकानदारों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। टीम में शामिल अधिकारियों ने आमजन से अपील की है कि वे आगे आएं। अगर उन्हें राशन नहीं मिल रहा तो इसकी शिकायत टीम में शामिल अधिकारियों को दें।