ये हैं भारत की सबसे सस्ती बाइक्स, आसानी से बजट में हो जाती हैं फिट टायर्स की क्वालिटी जब भी आप टायर खरीदने जाएं तो उसकी क्वालिटी जरूरी देखें, अगर आप नामी ब्रैंड्स के टायर खरीदते हैं तो आपको अच्छी क्वालिटी की पूरी गारंटी मिलती है और आप क्वालिटी के मामले में धोखा नहीं खाते हैं। क्वालिटी अगर अच्छी हो तो टायर्स जल्दी नहीं खराब होते हैं साथ ही साथ इनकी ग्रिप भी बनी रहती है। ऐसे में आपको हमेशा अच्छे ब्रैंड्स के टायर्स ही खरीदने चाहिए जो सालों साल तक आपकी बाइक में काम आ सकें जिससे आप सेफ राइडिंग भी कर सकें साथ ही आपकी जेब पर भी बोझ कम पड़े।
ट्यूबलेस टायर्स का करें इस्तेमाल आपको हमेशा अपनी बाइक में ट्यूबलेस टायर्स ही इस्तेमाल करने चाहिए। ट्यूबलेस टायर्स आसानी से पंक्चर नहीं होते हैं और पंक्चर होते भी हैं तो आसानी से इन्हें रिपेयर भी किया जा सकता है। ट्यूबलेस टायर्स आम टायर्स से थोड़े महंगे जरूर मिलते हैं लेकिन इनकी क्वालिटी आम टायर्स से काफी अच्छी होती है और ये आम टायर्स के मुकाबले कहीं ज्यादा चलते हैं जिससे आपकी जेब पर खर्च कम पड़ता है।
टायर कब बदलें ज्यादातर टायर बनाने वाली कंपनियां 40 हजार किलोमीटर चलने के बाद टायर बदलने की सलाह देती हैं। लेकिन टायर अच्छी हालत में हैं तो आप इन्हें 50 हजार किलोमीटर तक आराम से चला सकते हैं। इससे ज्यादा दूरी पर पुराने टायर से काम चलाना सेफ्टी के लिहाज से सही नहीं है। नियमों के मुताबिक, ट्रेड (टायर पर बने खांचे) की गहराई 1/6 मिमी रह जाए तो टायर बदल दिया जाना चाहिए। जिन लोगों की गाडि़यां काफी कम चलती हैं, उन्हें भी पांच साल के बाद हर साल टायरों का चेकअप कराना चाहिए। 10 साल से पुराने टायर इस्तेमाल नहीं करने चाहिए, चाहे वे जितना भी कम चले हों।
Force Motors ने पेश कर दी T1N इलेक्ट्रिक बस, सेफ्टी फीचर्स से होगी लैस अपसाइजिंग कई बार सड़कों पर ऐसी बाइक्स नजर आती हैं, जिनमें काफी चौड़े टायर लगे होते हैं। चौड़े और मोटे टायर लगाने से गाड़ी का लुक काफी स्पोर्टी हो जाता है और सड़क पर ग्रिप बेहतर हो जाती है, लेकिन इससे गाड़ी का माइलेज कम हो जाता है क्योंकि इससे इंजन पर जोर पड़ता है। कोशिश करनी चाहिए कि बाइक में बड़े साइज़ के टायर्स ना लगाएं, इससे इंजन खराब होने के चांस ज्यादा हो जाते हैं।