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अकदामिक, शोध, अनुसंधान व नवाचार के क्षेत्र में सीयू व कजाकिस्तान यूनिवर्सिटी करेंगे साझा

बिलासपुर. गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी व एलएन गूमिलियोव यूरेशियन नेशनल यूनिवर्सिटी कजाकिस्तान के बीच एमओयू हुआ है। इस एमओयू के तहत अकदामिक, शोध, अनुसंधान व नवाचार के क्षेत्र में दोनों संस्थान नवीनतम कार्यक्रमों व प्रयासों को साझा करेंगे। वहीं शोधार्थी व शिक्षक उनके पास उपलब्ध सॉफेस्टिकेटेड एनालेटिकल इंस्ट्रूमेंट्स फेसेलिटी का उपयोग कर सकेंगे, जिससे गुणवत्तापूर्ण शोधकार्यों का संपादन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

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अकदामिक, शोध, अनुसंधान व नवाचार के क्षेत्र में सीयू व कजाकिस्तान यूनिवर्सिटी करेंगे साझा

एमओयू करते हुए कुलपति।

केन्द्रीय विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल व एलएन गूमिलियोव यूरेशियन नेशनल यूनिवर्सिटी, कजाकिस्तान के उच्चायोग के काउंसलर विभाग के प्रमुख अरमान इलियासोव इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। बता दें कि 29-30 जुलाई को नई दिल्ली के आईटीपीओ सेंटर, प्रगति मैदान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था। इस दौरान दोनों विश्वविद्यालयों के मध्य समझौता ज्ञापन के समय हस्ताक्षर भारत सरकार के केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार, विवि अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार सहित विभिन्न केन्द्रीय उच्च शिक्षा संस्थान के प्रमुख मौजूद रहे। वहीं कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि कजाकिस्तान गणराज्य के साथ हुआ यह समझौता ज्ञापन राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के भारतीयता के साथ शिक्षा और शिक्षण के अंतरराष्ट्रीयकरण के उद्देश्य को पूरा करता है। कहा कि आने वाले वर्षों में दोनों देश सांस्कृतिक आदान प्रदान के साथ शैक्षणिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देंगे।

कौशल विकास व रोजगार के अवसर होंगे उपलब्ध

कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन से युवाओं के लिए कौशल विकास, रोजगार के समुचित अवसर, स्टार्टअप के लिए प्रेरित करना, शोध व नवाचार के लिए अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। भारत में कजाकिस्तान उच्चायोग के काउंसलर विभाग के प्रमुख अरमान इलियासोव सहित अन्य अतिथियों ने दोनों सस्थानों के मध्य हुए इस समझौता ज्ञापन पर सहयोग व समन्वय पर बल दिया है।

एमओयू से दोनों संस्थानों को इस तरब से होगा फायदा

• दोनों संस्थान के शोधार्थी व शिक्षक शोध और अन्य अकादमिक गतिविधियों के लिए एक-दूसरे के संस्थानों का शैक्षणिक भ्रमण कर सकेंगे।

• विभिन्न विषयों पर संगोष्ठियां, अल्पकालिक कार्यक्रम, कार्यशालाएं व सिम्पोजियम का आयोजन होगा।

• संयुक्त रूप से उपाधि व प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विषयवस्तु पर विचार होगा।

• एक-दूसरे के प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशासन व अकादमिक प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।

• दोनों देशों के मध्य सासंस्कृतिक गतिविधियों को मजबूत करने के दृष्टिकोण से कार्य होगा।