2019 में बढ़ा था 64 वर्ग किलोमीटर
राज्य का वनक्षेत्र साल 2019 में आई आईएसएफआऱ में 2017 की रिपोर्ट के मुकाबले 64 वर्ग किलोमीटर बढ़ा था। राज्य का वनक्षेत्र 41.13 फीसद तक पहुंच गया था।
अनूठा प्रदेश जहां आधे गांवों के पास हैं जंगल
आईएसएफआर के मुताबिक प्रदेश के 50 फीसद गांव ऐसे हैं जिनके 5 किलोमीटर के दायरे में वनक्षेत्र लगा हुआ है। यहां की बड़ी जन आबादी वनोपज पर निर्भर है। इसे देखते हुए यहां देश के चुनिंदा राज्यों में ज्याइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट (जेएफएम) किया जाता है। इसमें ऐसे वनग्रामों को चिन्हित किया जाता है, जहां की आबादी की आजीविका वनोपज पर निर्भर है। उनके साथ मिलकर वन संरक्षण के काम किए जाते हैं।
यह भी पढ़ें: फॉरेस्ट रेंजर का सरकारी बंगला हुआ गायब, बड़ा अधिकारी अपने ही विभाग को दे रहा चुनौती
टाइगर रिजर्व एरिया की भी हुई गणना
जनवरी 2022 में जारी की गई आईएसएफआर 2021 में टाइगर रिजव्र्स को भी अलग से गिना गया है। देश में वनक्षेत्र के लगभग 74 फीसद एरिया को टाइगर रिजर्व के लिए चिन्हित किया गया है। छत्तीसगढ़ में 11 वाइल्ड लाइफ अभयारण, 3 राष्ट्रीय पार्क हैं जो प्रदेश के कुल भूभाग के लगभग 5 फीसद इलाके में पसरे हैं।
2015 से 19 में सबसे ज्यादा फॉरेस्ट क्लीयरेंस
2015 से 2019 के बीच में गैर वन्य उपयोगों के लिए सबसे ज्यादा क्लीयरेंस दिए गए। रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान 3793 हैक्टेयर जंगल की जमीन को किसी अन्य कार्य के लिए दिया गया। इन कार्यों में रेलवे विस्तार, खनन, उद्योग आदि आते हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता खुश नहीं, और बढऩा चाहिए
सामाजिक कार्यकर्ता इस वृद्धि से प्रसन्न नहीं हैं। वे मानते हैं कि यह क्षेत्र और बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए सही प्रयास नहीं हो रहे। वहीं वाइल्ड लाइफ में काम करने वालों का मानना है कि एरिया बढ़ तो रहा है, लेकिन समानांतर वन्यजीवों को भी बढऩा चाहिए था, जो फिलहाल नहीं दिखाई पड़ता।
वन्य क्षेत्र बढऩा अच्छी बात
वन्यक्षेत्र बढऩा अच्छी बात है, लेकिन इस रिपोर्ट में बहुत सी बातें कागजी होती हैं। क्योंकि यह स्वाभाविक सी बात है कि जब एरिया बढ़ेगा तो वन्यजीव भी बढऩे चाहिए,जबकि ऐसा होता नहीं है।
– कुंवर हनुमंत सिंह, वन्यजीव संरक्षक
इजाफा जारी रखने का प्रयास
हमारे प्रयास हैं इसमें इजाफा जारी रहे। इसीलिए एलिफेंट रिजर्व में आ रही कुछ कोल खदानों को हम लगातार केंद्र से ऑक्शन न करने और क्लीयरेंस न देने को कह रहे हैं।
– मो. अकबर, वनमंत्री, छत्तीसगढ़