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TB Disease: कमजोर इम्युनिटी के कारण टीबी का बढ़ जाता है जोखिम, जानें इन मरीजों को होता है सबसे ज्यादा खतरा

World Health Organization: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) को दुनिया के सबसे घातक संक्रामक रोगों में रखा है।

बिलासपुरMar 24, 2024 / 10:46 am

Shrishti Singh

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Bilaspur News: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (WHO) ने ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) को दुनिया के सबसे घातक संक्रामक रोगों में रखा है। ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis) को गंभीर श्वसन रोग माना जाता है, ये बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial infection) के कारण होने वाली समस्या है, जिसमें आपके फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। (CG Health News) बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के खांसने-छींकने से निकली ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने के कारण दूसरे लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। (Dangerous TB Disease)
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विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार मनुष्य के नाख़ून व बालों को छोड़ कर शरीर के हर अंग में टीबी के सेल्स पाए जाते हैं। जैसे ही शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होता जाता है, वैसे शरीर में मौजूद टीबी के सेल्स एक्टिव होते जाते हैं। ये सेल्स शरीर में फैलते हुए ऑर्गन्स को डैमेज कर शरीर को अंदर से खोखला करना शुरू कर देते हैं। माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) नामक बैक्टीरिया से फैलने वाली टीबी (TB) दो तरह की होती है। पल्मोनरी और एक्स्ट्रापल्मोनरी। पल्मोनरी टीबी मानव शरीर के फेफड़ों पर असर करता है।
ऐसे मरीज जो डाइबिटीज और एचआईवी-एड्स की समस्या से जूझ रहे हैं उन पर टीबी की बीमारी घातक असर डाल सकती है। यही वजह है कि ऐसे मरीजों को हर माह टीबी की जांच कराने की सलाह दी जा रही है। ऐसे मरीजों को सबसे अधिक खतरा फेफड़ों की टीबी का होता है, क्योंकि यह अधिक संक्रामक होती है, जो छींक और खांसने से निकलने वाली ड्रॉप्लेट्स से भी फैलते हैं।

टीबी की बीमारी को देश से समाप्त करने शासन स्तर पर लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत मरीजों को केंद्र सरकार द्वारा हर माह जांच करने अस्पताल तक जाने के लिए 500 रुपए प्रति महीने निक्षय पोषण योजना के तहत दिए जा रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री पोषण योजना के तहत टीबी के मरीजों को हर महीने 200 रुपए दिए जा रहे हैं। जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, सिम्स में टीबी का मुफ्त इलाज किया जा रहा है।
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घातक बीमारी टीबी के प्रति जागरूक करने हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मनाया जाता है। जिले में टीबी के मरीजों की स्थिति राष्ट्रीय औसत से कम है। राज्य सरकार द्वारा लगातार टीबी की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। शहर के सारे सरकारी व निजी अस्पतालों में टीबी की जांच और दवाएं मुफ्त बांटी जा रही हैं। अब तक 11 पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है।

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