CG Holi 2024: होलिका की आग पर नंगे पांव चलते हैं लोग.. पूरी होती है हर मनोकाना
विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार मनुष्य के नाख़ून व बालों को छोड़ कर शरीर के हर अंग में टीबी के सेल्स पाए जाते हैं। जैसे ही शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होता जाता है, वैसे शरीर में मौजूद टीबी के सेल्स एक्टिव होते जाते हैं। ये सेल्स शरीर में फैलते हुए ऑर्गन्स को डैमेज कर शरीर को अंदर से खोखला करना शुरू कर देते हैं। माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) नामक बैक्टीरिया से फैलने वाली टीबी (TB) दो तरह की होती है। पल्मोनरी और एक्स्ट्रापल्मोनरी। पल्मोनरी टीबी मानव शरीर के फेफड़ों पर असर करता है।टीबी की बीमारी को देश से समाप्त करने शासन स्तर पर लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत मरीजों को केंद्र सरकार द्वारा हर माह जांच करने अस्पताल तक जाने के लिए 500 रुपए प्रति महीने निक्षय पोषण योजना के तहत दिए जा रहे हैं। जबकि मुख्यमंत्री पोषण योजना के तहत टीबी के मरीजों को हर महीने 200 रुपए दिए जा रहे हैं। जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल, सिम्स में टीबी का मुफ्त इलाज किया जा रहा है।