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Success Story : ब्याज में पैसे लेके शुरू किया हैंड बैग बनाने का काम, आज हैं फैक्टरी की मालकिन, आप लीजिए प्रेरणा

Success Story : वेस्ट से बेस्ट यानी चुन्नी, साड़ी और पुराने कपड़ों से झोला बनाने वाली सोनल अग्रवाल आज लघु फैक्ट्री की मालिक बन गई हैं।

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the inpiration of story of women in bilaspur

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Success Story : बिलासपुर. वेस्ट से बेस्ट यानी चुन्नी, साड़ी और पुराने कपड़ों से झोला बनाने वाली सोनल अग्रवाल आज लघु फैक्ट्री की मालिक बन गई हैं। अब ये शादी, पार्टी, दुकानों और बड़े शोरूम में इस्तमाल होने वाले कैरी बैग बनाती हैं। इसके अलावा डिजाइनर हैंड बैग बनाने का काम भी करती हैं।

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आज सोनल के बनाए बैग की मार्केट में काफी डिमांड है। इनके पास शहर के प्रमुख 500 से अधिक दुकानों से कैरी बैग बनाने का काम मिलता है, जिसमें 20 महिलाएं इसे तैयार करती हैं। सोनल की जीरो से हीरो बनने की काफी इंट्रेस्टिंग जर्नी है।

खुद की पहचान बनाने के लिए नहीं की नौकरी

सोनल ने बताया बहन की शादी हो गई थी। इसके बाद लगा कि घर में बैठकर ज्यादा काम नहीं मिल सकता है, तो ईदगाह चौक में 2 कमरे के घर को किराए में लेकर झोला बनाने का काम शुरू किया। फिर अपनी पहचान बनाने के बारे में सोचा, लेकिन नौकरी के बारे में नहीं सोचा।

इसके लिए एग्जिबिशन भी किया। रायपुर, भोपाल और जबलपुर गए, पर देखा कि उसका मार्केट अब नहीं रह गया है, क्योंकि हर दूसरा व्यक्ति वेस्ट से बैग बना लेता था, तो उसे बेचकर उतना लाभ नहीं मिलता था। साथ ही उसका ज्यादा ग्रोथ भी नहीं दिख रहा था। इसके बाद कैरी बैग बनाने की शुरुआत की।

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20 हजार से अधिक पीस की सेलिंग

सोनल ने बताया कि महीने में 20 हजर से अधिक पीस कैरी बैग की सेलिंग है। उनका कहना है भविष्य में एक बड़ी इंडस्ट्री बन सके, जिसमें कम से कम 100 से अधिक ऐसी महिला हो, जिनका कोई नहीं है। उन्हें काम देकर रोजगार दिया जाए। ताकि वह अच्छी जिंदगी जी सकें, क्योंकि महिलाओं के लिए अच्छा वातावरण बहुत जगह नहीं मिलता है, जिसे हम यहां फुलफिल करेंगे। उन्होंने बताया कि उनकी कामयाबी में मां का साथ रहा है।