
Nag Panchami : राहु-केतु और कालसर्प दोष से मिल जाएगी हमेशा के मुक्ति, बस मंदिर में जाकर भगवान शिव अर्पित करनी होगी ये ख़ास वस्तु
बिलासपुर. अधिकमास के समापन के बाद नागपंचमी से तीज त्योहारों की शुरुआत हो जाएगी। नागपूजा का पर्व नागपंचमी आज 21 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार नागपंचमी का पर्व कई शुभ योगों से युक्त रहेगा। इस दिन सावन सोमवार के साथ यह पर्व मनाया जाएगा, इसके साथ ही चित्रा नक्षत्र, ब्रह्मयोग सहित अन्य योग विद्यमान रहेंगे।
ऐसे में इस दिन नागपूजा करना विशेष फलदायी होगा। नागपंचमी के बाद रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, गणेश उत्सव सहित अनेक पर्व आएंगे, यह सिलसिला दिवाली के बाद देवउठनी एकादशी तक जारी रहेगा। इस दौरान पितृपक्ष पखवाड़ा छोड़कर लगातार तीज त्योहारों की रौनक नजर आएगी।
सोमवार के दिन नागपंचमी विशेष फलदायी
रतनपुर स्थित सिद्ध तंत्र पीठ भैरव मंदिर के महंत पं. जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि इस बार नागपंचमी का पर्व सोमवार के दिन मनाया जाएगा। सोमवार भगवान शिव का प्रिय दिन है, इस दिन नागपंचमी होने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही कई शुभ योग विद्यमान रहेंगे। यह दिन कालसर्प दोष के निवारण के लिए भी विशेष फलदायी माना गया है। सावन सोमवार, नागपंचमी के साथ शुभ योगों का होना इसे और अधिक फलदायी बनाएगा।
कालसर्प से मुक्ति हेतु नाग पंचमी पर करें पूजा
श्रावण मास में श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकंडा स्थित त्रिदेव मंदिर में श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का श्री महा रूद्राभिषेकात्मक महायज्ञ चल रहा है। पीठाधीश्वर आचार्य दिनेश जी महाराज ने बताया जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष या फिर राहु-केतु से संबंधित कोई दोष हो तो नाग पंचमी के दिन चांदी या फिर तांबे का नाग नागिन शिव मंदिर में जाकर शिवजी को अर्पित करना चाहिए।
या फिर बहते हुए जल में प्रवाहित करना चाहिए। नागपंचमी के दिन कालसर्प योग की शांति पूजा तथा यज्ञ-अनुष्ठान आदि करना चाहिए। इससे पूर्व जन्म के दोष मिट जाते हैं।वर्षा ऋतु में जब सांपों के बिल में पानी भर जाता है तो वह बाहर निकल आते हैं और तब उन्हें मारा न जाए बल्कि उन्हें सुरक्षित स्थान पर छोड़दिया जाए इसकी स्मृति कराने के लिए ही संभवत श्रावण मास में नाग पर्व आता है।
Updated on:
21 Aug 2023 12:30 pm
Published on:
21 Aug 2023 12:27 pm
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