अधिकांश माता-पिता बच्चे को रोजाना नहलाते हैं। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, यदि उसे छूते, खिलाते-पिलाते या टॉयलेट व स्टूल कराने के बाद साफ-सफाई न रखी जाए तो दिक्कत बढ़ती है। 2-3 दिन के गैप से उसे नहलाएं। अधिक ठंड है तो सूती व मुलायम कपड़ा गुनगुने पानी में भिगोकर उसका शरीर पोंछ सकते हैं।
नमी बरकरार रखने के लिए और रूखेपन से बचाव के लिए केमिकलयुक्त प्रोडक्ट जैसे क्रीम या मॉइश्चराइजर के बजाय त्वचा पर नहलाने के बाद जैतून या नारियल तेल लगाएं। जैतून के तेल ( Olive Oil ) की मालिश शिशुओं की वृद्धि और नींद को बढ़ाने में फायदेमंद हाेती है।इस तेल की मालिश बच्चाें की त्वचा की टोन में सुधार करने से लेकर उनकी त्वचा के लिए अच्छे मॉइस्चराइजर के ताैर पर भी काम करता है।
फैटी एसिड और प्रोटीन से भरपूर नारियल का तेल शिशु की त्वचा का पोषण करने के साथ धीरे-धीरे मॉइस्चराइज करता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि जब नारियल का तेल बाहरी रूप से लगाया जाता है तो हाइड्रेशन बढ़ने और तवचा में नमी बनाए रखने के लिए उपयाेगी हाेता है।
जब भी शिशु को नहलाने जा रहे हैं तो उससे जुड़ी सभी तैयारी रखें। जैसे पास में उसके सभी कपड़े, वुलन सहित तौलिया आदि। ताकि नहलाने के तुरंत बाद शिशु के शरीर को पूरी तरह से ढक सकें। त्वचा पर रेशेज से बचने के लिए उसे नहलाने के बाद पहली परत सूती कपड़ों की पहनाएं।