scriptहवाई यात्रा में शरीर का मूवमेंट है जरूरी | Body movement is necessary in air travel | Patrika News

हवाई यात्रा में शरीर का मूवमेंट है जरूरी

locationजयपुरPublished: May 30, 2019 10:19:50 am

Submitted by:

Jitendra Rangey

हवाई यात्रा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। खासकर ऐसे लोगों को जो किसी न किसी रोग से पीडि़त हैं। इन्हें लंबी यात्रा यानी 3-4 घंटे के अधिक सफर करने के दौरान कुछ दिक्कतें हो सकती हैं। जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि हवाई यात्रा करते समय किन खास बातों को ध्यान में रखना जरूरी है।

 air travel

air travel

डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (डीवीटी)
लंबी हवाई यात्रा करते समय पैरों में भारीपन की शिकायत आम है। लगातार एक ही पोजिशन में बैठे रहने से पैरों में रक्तसंचार काफी धीमा हो जाता है। इसे डीवीटी कहते हैं।
दिक्कत : दूषित रक्तको हार्ट और फेफड़ों को पहुंचाने वाली डीप वेन में थक्का बनने से ये अपना कार्य नहीं कर पाती हंै। इससे पैरों में दर्द और सूजन आ सकती है।
सावधानी : संभव हो तो पैरों में मूवमेंट करते रहें, शरीर में पानी की कमी न होने दें। लंबी यात्रा में चहलकदमी जरूर करें।
हार्ट और बीपी पेशेंट्स
लंबे समय तक एक ही पॉश्चर में बैठना, शरीर में पानी और केबिन में ऑक्सीजन की कमी परेशानी पैदा कर सकती है।
दिक्कत : धड़कनें घटना-बढऩा, बीपी हाई या लो होने और ब्लड क्लॉटिंग के कारण रक्तसंचार प्रभावित होने से हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है।
सावधानी : पैरों की पोजिशन बदलते रहें। यात्रा से पहले लिक्विड डाइट लें। हाल ही हार्ट अटैक हुआ है तो दो हफ्ते और एंजियोप्लास्टी की गई है तो एक हफ्ते बाद ही हवाई यात्रा करें।
सर्जरी
छोटे ऑपरेशन के 24 घंटे बाद ज्यादातर मरीजों को यात्रा की अनुमति दे दी जाती है लेकिन बड़ी सर्जरी में समय का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
दिक्कत : मूवमेंट से आंखों पर जोर पडऩा और अन्य मामलों में टांकों पर दबाव पडऩे से स्थिति बिगड़ सकती है।
सावधानी : कैटरेक्ट लेजर ट्रीटमेंट, लेप्रोस्कोपी के मामले में एक-दो दिन और कोरोनरी आर्टरी बायपास, आंख और पेट संबंधी ऑपरेशन के कम से कम 10 दिन बाद ही हवाई यात्रा करें।
गर्भावस्था
महिला को प्रेग्नेंसी की शुरुआती और अंतिम तिमाही के दौरान हवाई यात्रा न करने की सलाह दी जाती है।
दिक्कत : उड़ान भरने और लैंडिग के दौरान लगने वाले झटके से बच्चे और मां को अंदरूनी रूप से समस्या हो सकती है।
सावधानी : इस दौरान यात्रा से बचें। यात्रा करना भी पड़े तो बेल्ट पेट के नीचे बांधे ताकि झटकों का सीधा असर पेट पर न पड़े। चुस्त कपड़े न पहनें। एसिडिटी बनाने वाली चीजोंं से परहेज करें।
अस्थमा
फ्लाइट के केबिन का एन्वॉयर्नमेंट ड्राय होता है, जिससे कुछ मरीजों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
दिक्कत : ऑक्सीजन में कमी महसूस होने पर घुटन व सांस का उखडऩा, बेचैनी।
सावधानी : सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत क्रू मेम्बर से संपर्क करें। मरीज इंहेलर अपने साथ जरूर रखें। जिन्हें हाल ही अस्थमा अटैक पड़ा हो वे जरूरी दवाएं साथ रखें।
यात्रा में ध्यान रखने वाली बातें
कपड़े और जूते ज्यादा टाइट न पहनें।
शरीर में पानी की कमी न होने दें।
लंबी फ्लाइट के दौरान समय मिलने पर बॉडी को मूव करते रहें। अल्कोहल, चाय या कॉफी न लें।
इस दौरान डॉक्टर की सलाह के बगैर कोई दवा न लें।
यात्रा से पहले और दौरान गरिष्ठ भोजन से दूरी बनाएं।
साइनस इंफेक्शन या कान की सर्जरी हुई है तो यात्रा
न करें।
डॉ. पुनीत सक्सेना, फिजिशियन
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो