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करौंदे से मजबूत होते मसूढ़े

locationजयपुरPublished: Jun 01, 2019 10:15:14 am

Submitted by:

Jitendra Rangey

इसके फल, पत्तियों एवं जड़ की छाल औषधीय प्रयोग में लाई जाती है। करौंदे के फल का स्वरस 5 से 10 ग्राम, पत्तियों का रस 12 से 24 ग्राम तक, पत्तियों का काढ़ा 60 से 120 ग्राम इस्तेमाल किया जाता है।

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Carissa carandas

साइट्रिक एसिड और विटामिन सी समुचित मात्रा में है
करौंदे का कच्चा फल कड़वा, अग्निदीपक, खट्टा, स्वादिष्ट और रक्तपित्तकारक है। यह विष तथा वातनाशक भी है। यह एक छोटा-सा फल है, पर इसमें काफी औषधीय गुण मौजूद हैं। उपचार के आधार से इसमें साइट्रिक एसिड और विटामिन सी समुचित मात्रा में है। इसमें कई सामान्य बीमारियों को नष्ट करने की अद्भुत क्षमता है। इसके फल, पत्तियों एवं जड़ की छाल औषधीय प्रयोग में लाई जाती है। करौंदे के फल का स्वरस 5 से 10 ग्राम, पत्तियों का रस 12 से 24 ग्राम तक, पत्तियों का काढ़ा 60 से 120 ग्राम और फलों का शर्बत 12 ग्राम की मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है।
फल करौंदा कई बीमारियों की दवा है
छोटा सा दिखने वाला फल करौंदा कई बीमारियों की दवा है। यह प्यास को शांत करने में फायदेमंद है। रक्त पित्त को हरता है, गरम तथा रुचिकारी होता है। पका करौंदा हल्का मीठा और वातहारी होता है। यह विटामिन-सी और आयरन का अच्छा स्त्रोत है साथ ही अच्छा एंटीऑक्सीडेंट भी है। करौंदे का जूस वजन घटाने में बहुत फायदेमंद है। इसकी चटनी खाने से मसूढ़ों से जुड़े रोगों में राहत मिलती है। करौंदे के बीजों को पीसकर पैरों में लगाएं इसे बिवाई (फटे पैरों) में फायदा होता है।
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