हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मनोवैज्ञानिक और हार्वर्ड एंड स्टैंडर्ड न्यूरो साइंटिस्ट्स का मानना है कि ध्यान से चिंता कम होती है। यह ब्रेन के ‘ग्रे मैटेरियल’ को पुनर्जीवित कर सीखने की क्षमता, याद्दाश्त व इमोशन्स को सक्रिय करता है। ध्यान से ब्रेन में गामा क्रियाएं बढ़ जाती हैं और तनाव घटने के साथ ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ने इसकी पुष्टि की है। मेडिटेशन से याददाश्त तेज होने के साथ निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती है। इसके अलावा ध्यान से ‘नेचुरल किलर सेल्स’ ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। जो शरीर में प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।