40 की उम्र में भी एग फ्रीजिंग से गर्भधारण
विशेषज्ञाें के अनुसार महिलाओं में कॅरियर बनाने को लेकर देर से गर्भधारण का चलन बढ़ा है। इससे उनके अंडाणुओं की संख्या व गुणवत्ता में कमी आ जाती है। एग फ्रीजिंग से 35 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी संभव है। महिला की हेपेटाइटिस-बी व सी और एचआईवी की जांच कर सर्जरी करके स्वस्थ एग (अंडाणु) को ओवरी से निकालते हैं। इन्हें 196 डिग्री सेल्सियस पर लिक्विड नाइट्रोजन में फ्रीज करते हैं। भविष्य में जो समय मां बनने के लिए सही लगता है उस समय सुरक्षित रखे अंडाणुओं को भ्रूण के रूप में गर्भाशय में स्थानांतरित करते हैं।
विशेषज्ञाें के अनुसार महिलाओं में कॅरियर बनाने को लेकर देर से गर्भधारण का चलन बढ़ा है। इससे उनके अंडाणुओं की संख्या व गुणवत्ता में कमी आ जाती है। एग फ्रीजिंग से 35 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी संभव है। महिला की हेपेटाइटिस-बी व सी और एचआईवी की जांच कर सर्जरी करके स्वस्थ एग (अंडाणु) को ओवरी से निकालते हैं। इन्हें 196 डिग्री सेल्सियस पर लिक्विड नाइट्रोजन में फ्रीज करते हैं। भविष्य में जो समय मां बनने के लिए सही लगता है उस समय सुरक्षित रखे अंडाणुओं को भ्रूण के रूप में गर्भाशय में स्थानांतरित करते हैं।
गर्भधारण की प्रक्रिया
फ्रोजन एग को सामान्य अवस्था में लाकर प्रत्येक एग को सुई की मदद से पार्टनर के एक स्पर्म से फर्टिलाइज कर कैथेटर यानी एक पतली ट्यूब के जरिए यूट्रस में डालते हैं। इसके बाद भू्रण बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
फ्रोजन एग को सामान्य अवस्था में लाकर प्रत्येक एग को सुई की मदद से पार्टनर के एक स्पर्म से फर्टिलाइज कर कैथेटर यानी एक पतली ट्यूब के जरिए यूट्रस में डालते हैं। इसके बाद भू्रण बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
इसलिए कराएं अंडाणुओं को फ्रीज
– महिलाओं में 35 की उम्र के बाद अंडाणु बनने की क्षमता व गुणवत्ता दोनों कम होने से गर्भस्थ शिशु में विकृतियों की आशंका बढ़ जाती है इसलिए पहले ही अंडाणु को सुरक्षित रखवा सकती हैं।
– कैंसर पीडि़त महिलाएं जिनकी कीमोथैरेपी व रेडियोथैरेपी शुरू न हुई हो, उनके अंडाणु को फ्रीज कर फर्टिलिटी को सुरक्षित कर सकते हैं।
– 30 की उम्र के बाद हाइपरटेंशन, डायबिटीज जैसे कारणों से गर्भपात की आशंका को घटाने के लिए भी ऐसा करते हैं।
– महिलाओं में 35 की उम्र के बाद अंडाणु बनने की क्षमता व गुणवत्ता दोनों कम होने से गर्भस्थ शिशु में विकृतियों की आशंका बढ़ जाती है इसलिए पहले ही अंडाणु को सुरक्षित रखवा सकती हैं।
– कैंसर पीडि़त महिलाएं जिनकी कीमोथैरेपी व रेडियोथैरेपी शुरू न हुई हो, उनके अंडाणु को फ्रीज कर फर्टिलिटी को सुरक्षित कर सकते हैं।
– 30 की उम्र के बाद हाइपरटेंशन, डायबिटीज जैसे कारणों से गर्भपात की आशंका को घटाने के लिए भी ऐसा करते हैं।