पेट सेहतमंद –
पारंपरिक और सात्विक आहार के अनुसार फल, लस्सी, छाछ, नींबू पानी, सेंधा नमक आदि खाने से पाचन तंत्र दुरुस्त होता है और कब्ज व डिहाइड्रेशन की आशंका कम हो जाती है। उपवास रखने के दौरान रोग प्रतिरोधक तंत्र का शुद्धिकरण होता है। ऐसे में पुरानी कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होने के साथ ही नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। इस स्थिति में बढ़ती उम्र का असर धीरे-धीरे कम होता है और कोशिकाओं को होने वाली क्षति में भी कमी आती है। उपवास के दिन फलाहार या सागार खाने से आंतों को खाना पचाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती जिससे पेट स्वस्थ रहता है।
मजबूत होता है एंडोक्राइन सिस्टम –
हम जो भी खाते हैं उसका सीधा असर शरीर की प्रमुख ग्रंथियों पर होता है। ज्यादातर रोगों के कारणों में एक कारण हार्मोन्स में गड़बड़ी भी आता है। इसलिए अनुशासित तरीके से सही भोजन करने से प्रमुख (एंडोक्राइन सिस्टम) सुचारू कार्य करती हैं जिससे सभी अंगों की कार्यप्रणाली भी सही रहती है।