मानसून में कच्चा या अधपका खाने का मतलब बीमारियों को दावत देना है। मार्केट में मिलने वाली चीजें जैसे बर्गर, पिज्जा, चाउमीन आदि से परहेज करें। कारण वातावरण में फैले किटाणु हैं। जो सेहत बिगाड़ सकते हैं। इसके बजाय घर पर बना खाना, फल व अच्छे से पकी सब्जियां खाएं।
सब्जी काटने में उपयोगी चॉपिंग बोर्ड को प्रयोग में लेने से पहले अच्छी तरह से धोएं। खाना खाने से पहले-बाद और टॉयलेट से आने के बाद हाथ धोएं।
इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा फिल्टर या उबला हुआ पानी पीएं। ध्यान रहे कि पानी को उबाले हुए 24 घंटे से ज्यादा न हुए हों। कीटाणुओं से बचाव व इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हर्बल चाय जैसे अदरक की चाय, नींबू की चाय आदि पीएं। यदि चाय पसंद नहीं तो गर्म वेजीटेबल सूप भी पी सकते हैं। यह शरीर के लिए एनर्जी बूस्टर का काम करता है।
रोजाना की हैल्दी डाइट सेहतमंद रखने के साथ रोगों की आशंका घटाती है। जबकि दूषित भोजन से अपच, दस्त, पेचिश, हैजा, खांसी-जुकाम, वायरल बुखार जैसी बीमारियों की आशंका बढ़ती है। इसके लिए डाइट में रोजाना एंटीऑक्सीडेंट तत्त्व वाले तीन रंगों के फल खाने चाहिए। ये न सिर्फ शरीर में ऊर्जा बरकरार रखते हैं साथ ही विषैले पदार्थों को बाहर निकालकर रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा भी करते हैं। सर्दी-जुकाम से बचाव के लिए ज्यादा ठंडा पानी न पीएं।