मानसिक स्वास्थ्य से कर रहे खिलवाड़
आज आप किसी से पूछ लीजिए कोई चिंतामुक्त है, हर किसी के दिमाग में तनाव हावी है। दिमाग में तनाव (tension) इसलिए है, क्योंकि लोग दिमाग को रिलैक्स नहीं होते। ज्यादातर लोगों के दिमाग में चौबीसों घंटे कुछ न कुछ चलता ही रहता है, वे शांत चित्त बैठ ही नहीं सकते। इस कारण वे अपना स्वास्थ्य (health) खराब कर लेते हैं। काम के दौरान दिमाग काम करे, तो ठीक है पर खाली बैठे-बैठे भी दिमाग में अनर्गल विचारों का दौर खत्म न हो तो समझ लीजिए कि मानसिक स्वास्थ्य (mental health) के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
रिलैक्स होना सीखिए
योग और आसन के दौरान कई क्रियाओं में दिमाग को शांत रखने की तरकीबें बताई जाती हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि दिमाग को शांति प्रदान की जाए। अगर दिमाग हमेशा विचार करता रहेगा तो आप रिलेक्स नहीं रह पाएंगे। रिलैक्स न रहने से तनाव बढ़ेगा और सेहत बिगड़ेगी। एक काम पूरा होने के बाद दूसरे काम पर ध्यान लगाना चाहिए। जब कोई काम कर रहे हों तो दूसरी चीजों के बारे में सोचकर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। काम पूरा होने के बाद कुछ समय के लिए आंखें बंद करके बैठ जाना चाहिए और रिलैक्स होना चाहिए। आप चाहें तो कुछ देर की झपकी भी ले सकते हैं। इससे काम करने की अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है।
ज्यादा मत सोचिए…
कई बार व्यक्ति किसी आशंका के बारे में सोच-सोच अपनी सेहत खराब कर लेता है। ज्यादातर आशंकाएं काल्पनिक होती हैं। इनका जितनी जल्दी हो सके, सामना कर लेना चाहिए और अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच जाना चाहिए। अगर आप सिर्फ सोचते रहेंगे, तो बुरे खयाल आते रहेंगे और आप तनावग्रस्त रहेंगे। इस कारण आप अपनी सेहत भी खराब कर लेंगे। अगर आप अपने चिंतन प्रक्रिया को मजबूत करना चाहते हैं तो इसके लिए भी लगातार सोचना बंद करना होगा। आपको जब जरूरत हो तभी दिमाग को सक्रिय करें, नहीं तो अपने दिमाग को हमेशा रिलैक्स रहने दें। इससे आपकी दिमागी शक्ति बढ़ती है और आपकी सेहत पर भी बुरा असर नहीं पड़ता है।