खयालों में रहता है डर
जीवन में ज्यादातर लोगों को कोई न कोई डर सताता रहता है। इस डर के कारण लोग मन ही मन घबराते रहते हैं। डर के कारण कई बार हार्ट बीट (heart beat) तेज हो जाती है और कभी शरीर पसीने से तरबतर हो जाता है। डर के कारण इंसान तनाव (depression) में रहता है और डर के कारण वह कई बीमारियों (disease) को आमंत्रण दे बैठता है। डर के साथ अच्छी बात यह है कि ज्यादातर डर का अस्तित्व सिर्फ खयालों में होता है और असल जिंदगी में डर की बजाय विश्वास काम आता है।
डर के आगे हैल्थ है
आपने एक विज्ञापन की मशहूर टैगलाइन तो जरूर सुनी होगी कि डर के आगे जीत है। पर असल में इसे यूं होना चाहिए कि डर के आगे हैल्थ है। अगर आप डर को भगा देते हैं तो जीवन में स्वास्थ्य की नई लहर आ सकती है। डरपोक व्यक्ति कभी स्वस्थ नहीं रह सकता। डर कई तरह के होते हैं। कोई नौकरी छूटने से डरता है कोई बीमारी से डरता है कोई अनजान डर से ही ग्रस्त रहता है। दुनिया के सारे डरों ने मिलकर पूरी मानव जाति को बीमार बनाने का काम किया है। अगर आप खुलकर जीवन का आनंद लेना चाहते हैं और बीमारियों से कोसों दूर रहना चाहते हैं तो आपको बात से नहीं डरना चाहिए। बल्कि उसको मात देने या फिर उसका सामना करने की ट्रिक सीखनी चाहिए।
खुद पर रखिए विश्वास
डर को दूर भगाने के कई तरीके हैं। इनमें सबसे कामयाब तरीका है- डर का सामना करना। बार-बार उस स्थिति से गुजरना जिससे आपको डर लगता है। शुरू में आपकी हालत खराब होगी। आपके हाथ-पांव कंपकंपाएंगे पर धीरे-धीरे मन से डर निकल जाएगा। इसी के साथ शरीर में मौजूद कई तरह की बीमारियां भी भाग जाएंगी। जब मन में किसी बात को डर नहीं होता तो इंसान खुलकर जीता है, प्रसन्न रहता है और हैल्दी रहता है।