किसी दवाई, हार्मोन थैरेपी या वर्कआउट से संभव नहीं कि मनचाही हाइट पा सके। यह प्राकृतिक क्रिया है। आयुर्वेद के अनुसार बाल्यावस्था से लेकर अंत तक हर 10 साल में निश्चित तरीके से शरीर में अहम बदलाव होते हैं। अंगों व हाइट के विकास के साथ निश्चित समय व अंतराल के बाद से इनका विकास घटता जाता है। 14 -18 साल के बीच सही खानपान व वर्कआउट से सामान्य हाइट पाई जा सकती है।
शरीर में जरूरी तत्त्वों का अभाव जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, मिनरल, आयरन व विटामिन अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए डेयरी उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें और मौसमी फल को डाइट में शामिल करें। जंकफूड व चाय-कॉफी से परहेज करें।
कई बार ग्रोथ हार्मोन सही होने के बावजूद हाइट नहीं बढ़ती। जिसका कारण थायरॉइड हार्मोन, पिट्यूटरी ग्रंथि से निकले हार्मोन की कमी है। पेट में कीड़े होना, ट्यूबरक्लोसिस, सिलियक डिजीज, अवसाद या बचपन से किसी भी प्रकार की लंबी बीमारी भी वजह है।
ग्रोथ हार्मोन का जुड़ाव दिमाग की पिट्यूटरी ग्रंथि से है। ऐसे में तनाव के कारण इस ग्रंथि की कार्यप्रणाली बिगड़ती है। हार्मोन्स में गड़बड़ी Can Hormone Imbalance Affects Height
ग्रोथ हार्मोन के साथ कई बार थायरॉइड या एंडोक्राइन हार्मोन का स्तर संतुलित न होने से भी ऐसा होता है।
कई बार आनुवांशिकता भी लंबाई न बढऩे का कारण बनती है। ऐसे में माता-पिता में से किसी एक की हाइट पर बच्चे की हाइट निर्भर होती है। जो कि जेनेटिक बदलाव के कारण होता है। कई बार जरूरी नहीं कि माता-पिता जितनी हाइट बच्चे की हो, परिवार के अन्य लोगों से मिलती-जुलती भी हो सकती है।
ग्रोथ हार्मोन टैबलेट का प्रयोग हाइट बढ़ाने के लिए आम है। इनकी ओवरडोज से कई बार लंबाई जरूरत से ज्यादा, सिरदर्द, दिमाग में पानी का प्रेशर बढ़ना, थायरॉइड डिसऑर्डर, जॉइंट पेन जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। कई बार पूर्व में चल रही कोई दवा का भी हाइट पर असर पड़ता है।
हाइट पर क्षेत्र का भी असर पड़ता है। उत्तर भारत के लोगों की हाइट दूध-घी अधिक खाने से ज्यादा होती है। वहीं दक्षिण क्षेत्र में हाइट सामान्य होती है लेकिन सूरज की किरणें तेज होने से त्वचा का रंग गहरा होता है।
संतुलित डाइट के साथ ताड़ासन, सूर्यनमस्कार, वृक्षासन जैसे व्यायाम को नियमित करने से फायदा होता है। क्योंकि भोजन से मिलने वाला पोषण वर्कआउट या योग के दौरान मांसपेशियों व हड्डियों में अवशोषित हो जाता है। स्कीपिंग व साइक्लिंग भी मददगार होती हैं।
इस तत्त्व के लिए सुबह के समय की धूप हड्डियों के विकास व मजबूती के लिए जरूरी है। इससे जिन हड्डियों का विकास किसी कारण से रुक जाता है, वे सक्रियता से काम करना शुरू कर देती हैं।
– अश्वगंधा या शतावरी चूर्ण की एक या आधी चम्मच की मात्रा दूध के साथ लेने से भी हड्डियों का विकास होता है। अच्छी नींद Sleeping Position To Increase Height
– अच्छी हाइट के लिए पर्याप्त नींद लें, क्याेंकि ग्रोथ हार्मोन रात के समय रिलीज होते हैं।