मां से गर्भस्थ शिशु का सीधा जुड़ाव –
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से गर्भस्थ शिशु का सीधा जुड़ाव होता है। धीमी आवाज में म्यूजिक सुनने से तनाव कम होता है, जिसका लाभ बच्चे को मिलता है। 50डेसीबल से तेज आवाज में म्यूजिक सुनना बच्चे के लिए नुकसानदायक है। बच्चे की श्रवण शक्ति पर भी बुरा असर पड़ता है।
शोर-शराबे वाली जगहों पर जाने से बचें –
शोर-शराबे वाली जगह जाने से बचें। तेज आवाज में बोलना भी बच्चे की सेहत पर असर डालता है। गर्भावस्था के दौरान विचार भी सकारात्मक रखने चाहिए। कई शोधों में पाया गया है कि गर्भावस्था में महिलाओं को प्रेरणादायक कहानियां सुनाना लाभकारी रहता है। इससे गर्भस्थ बच्चे का दिमाग तेज होता है।
दिमाग पर असर –
गर्भावस्था के दौरान जिन महिलाओं को तनाव और हाइपरटेंशन रहता है अक्सर उन्हें लेबर पेन जल्दी शुरू हो जाता है। इसके साथ ही बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर भी बुरा असर पड़ता है।
विकसित होता कान –
पांचवें महीने में शिशु के कान के अंदर, मध्य और बाहरी भाग विकसित होने लगता हैं। 8 घंटे से अधिक समय तक तेज आवाज में रहने से बच्चे पर असर पड़ता है।