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बर्फ के सेक से मांसपेशियों की चोट में मिलती है राहत

locationजयपुरPublished: Mar 05, 2019 06:45:58 pm

हड्डी फिर से जुड़ने के बाद पहले जितनी ही मजबूत हो जाती है लेकिन मसल्स (मांसपेशियों) के साथ ऐसा नहीं होता

muscle pain

बर्फ के सेक से मांसपेशियों की चोट में मिलती है राहत

हड्डी फिर से जुड़ने के बाद पहले जितनी ही मजबूत हो जाती है लेकिन मसल्स (मांसपेशियों) के साथ ऐसा नहीं होता। हड्डियां खुद नहीं मुड़तीं, मांसपेशियां की वजह से उनका मूवमेंट होता है और रिजनरेटिव प्रोसेस से वे जुड़ती हैं। वहीं मांसपेशियों की रिपेयरिंग के दो तरीके हैं।
एक टूटी (डिसरप्ट) मसल्स फायबर का रिजनरेशन और दूसरा, कनेक्टिव टिश्यू का फॉर्मेशन। तेजी से खिंचाव के कारण मसल्स टीयर होती हैं, जैसे दौड़ते या काम करते समय चोट लगना। इसका इलाज क्लीनिकली होता है लेकिन चोट गंभीर हो तो एमआरआई या अल्ट्रा साउंड भी जरूरी हो जाता है। चोट लगने के कारणों को जानकर उनसे बचें।
सूजन हो तो ठंडा सेंक करें व मसल को स्ट्रेच रखें। इलास्टिक बैंडेज लगाएं जो मसल्स को सपोर्ट दे सूजन घटाएगा।
मसल्स में चोट या दर्द हो तो आराम करें पर पूरी तरह निष्क्रिय भी न हों। थोड़ा आराम मिलते ही धीरे-धीरे जॉइंट घुमाएं।
दर्द के कारण खड़े होने या चलने में दिक्कत हो, सूजन या दर्द बढ़कर बुखार आए तो डॉक्टर की सलाह लें।
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