इसके लक्षण क्या हैं?
आमतौर पर पैर का अगला भाग नीचे-अंदर की ओर मुड़ा होता है, पैर इतने अधिक मुड़ जाते हैं कि ऐसे लगते हैं कि वो उल्टे हों। प्रभावित पैर दूसरे से लगभग एक सेमी.छोटा हो सकता है। पैर असामान्य दिखने के बावजूद इसमें कोई दर्द या परेशानी नहीं होती है।
रिस्क फैक्टर क्या हैं?
माता-पिता दोनों को या किसी एक को यह रोग है तो बच्चों में इसके होने की आशंका दोगुनी होती है। प्रेग्नेंसी में धूम्रपान करने या संक्रमण से भी रोग की आशंका रहती है। क्लब फुट से ग्रस्त 50 प्रतिशत बच्चों के दोनों पैर प्रभावित होते हैं।
रोग की पहचान कैसे होती है ?
लेवल-2 अल्ट्रासाउंड से जन्म पूर्व ही क्लब फुट का पता चल जाता है। लेकिन इलाज संभव नहीं। ऐसे में आर्थोपेडिक सर्जन से सलाह लेनी चाहिए। कई बार जन्म के तुरंत बाद शिशु के पैर का आकार-स्थिति को देखकर डॉक्टर रोग की पहचान कर लेते हैं।
इसका उपचार क्या है?
सामान्यत: डॉक्टर बिना सर्जरी के क्लब फुट को ठीक कर देते हैं, लेकिन कुछ में सर्जरी करनी पड़ती है। शुरुआती स्थिति में जिनका उपचार हो जाता है वे बड़े होकर सामान्य जूते पहन सकते हैं। नवजात की हड्डियां, जोड़ बहुत लचीले होते हैं, इसलिए जल्दी उपचार कराने से क्लब फुट को ठीक किया जा सकता है।