आपको शायद मालूम न हो लेकिन ये बात सच ही की आपके उठने, बैठने का ढंग भी आपके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है। जर्नल ऑफ बिहेवियर थेरेपी और एक्सपेरिमेंटल थेरेपी में प्रकाशित 2017 के एक अध्ययन के अनुसार, सीधे बैठने से अवसाद के लक्षणों को कम किया जा सकता है। अध्ययन में सही पोस्चर को सकारात्मक दृष्टिकोण और नए सिरे से ऊर्जा देने वाला माना है।
यदि आपके रहने की जगह अव्यवस्थित है, तो आपका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। द जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस में प्रकाशित 2011 के एक शोध के अनुसार, अव्यवस्था लंबे समय तक तनाव का कारण बन सकती है।
आजकल, लोग सोचते हैं कि व्यस्त होना अच्छा है। लेकिन जरूरत से ज्यादा व्यस्त होना आपके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। विज्ञान कहता है कि इससे जलन, चिंता, यहां तक कि अवसाद भी हो सकता है।
हर बार हां कहने से कई ऐसे काम आपके जिम्मे आ जाते है, जो आप नहीं करना चाहते, इससे आपका शेड्यूल भी बिगड़ जाता है। और हमें अपने लिए समय नहीं मिलता। जो की तनाव को बढ़ावा देता है।
विचारों को दबाना मस्तिष्क के लिए असंतोषजनक होता है। अगर आप बार-बार ऐसा करते हैं तो आपको गंभीर तनाव से गुजरना पड़ सकता है।